अपडेटेड 12 August 2021 at 20:20 IST
Nag panchami 2021: नागपंचमी के दिन पूजा करने से ग्रह दोष होगा दूर, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
नाग पूजा के बाद "ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्" मंत्र से इनकी प्रार्थना करने से सर्पदोष एवं कालसर्प दोष के मुक्ति मिलती हैI
- भारत
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सावन महीना हमेशा से शुभ माना गया है। इस माह में अधिकतर लोग सिर्फ पाठ और शीव की अराधना में लीन रहते हैं। मंदिरों से लेकर घरों में पूजा-पाठ का माहौल होता है। सावन में कई मह्वपू्र्ण पर्व भी है, जिसमें नाग पंचमी भी शामिल है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी मनाया जाता है। इस साल नागपंचमी का पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा।
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है। इस बार नागपंचमी पर हस्त नक्षत्र एवं साध्य योग के साथ कल रवियोग व सिध्दयोग का पुण्यफलदायी संयोग बन रहा है।
नाग देवता की पूजा का है खास महत्व
धार्मिक महत्व को देखते हुए नागपंचमी के दिन सर्पों को देवता के रूप में पूजा जाता है। नाग पंचमी की पूजा से जीवन में कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि नाग देवता शिव को बहुत प्रिय हैं। यही वजह है कि भगवान शिव नाग को अपने गले में धारण किए रहते हैं।
नागपंचमी शुभ मुहूर्त
- नाग पंचमी पर्व - 13 अगस्त 2021 दिन शुक्रवार
- पंचमी तिथि प्रारंभ - 12 अगस्त 2021 दिन गुरुवार दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से
- पंचमी तिथि समापन - 13 अगस्त 2021 दिन शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
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नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी में कालसर्प दोष दूर करने के लिए सावन में नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा और रूद्राभिषेक करना चाहिए। नाग पंचमी की पूजा से किसी भी तरह के कालसर्प दोष से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा पूरे विधि-विधान से करना चाहिए, इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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नाग पंचमी पूजा विधि
सावन के कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष को नाग पंचमी के दिन व्रत भी रखते है I व्रत करने वाले श्रद्धालु मिट्टी या आटे का सर्प बनाकर उन्हें विभिन्न रंगो से सजाते है और सजाने के बाद फूल, खीर, दूध, लावा, धुप, दीप आदि से उनकी पूजा करते है I
नाग देवता को पंचमी तिथि का स्वामी माना जाता है I इस दिन सर्प के प्रकोप से बचने के लिए नाग पंचमी की पूजा की जाती हैं I जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है उन्हें इस दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए, इस दिन पूजा करने से कुंडली का यह दोष समाप्त हो जाता है I
नाग पूजा के बाद "ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्" मंत्र से इनकी प्रार्थना करने से सर्पदोष एवं कालसर्प दोष के मुक्ति मिलती हैI इस दिन सर्पों को दूध से स्नान और पूजन कर दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है।
अनिष्ट दोषों से मुक्ति हेतु राशिनुसार उपाय
- मेष- रुद्राष्टाधायी का पाठ करें।
- वृष- बहते हुए पानी में तांबे का टुकड़ा बहाएं।
- मिथुन- किसी कुष्ट रोगी को मूली दान करें।
- कर्क- बहते हुए पानी में नारियल प्रवाहित करें।
- सिंह- नारियल व ग्यारह दाने बादाम को लाल रुमाल में बांध कर अपनी मनोकामना को कहते हुए भूमिगत कर दें।
- कन्या- असहाय को अन्न व को धनिया दान करें।
- तुला- जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं।
- वृश्चिक- शिव पूजन के बाद विध्नहर्ता गणेश की दूर्वा एवं मोदक चढ़ाएं।
- धनु- चींटियों को आटा या मीठा खिलाएं।
- मकर-किसी जरूरतमंद को तिल और जौ का दान करें।
- कुंभ- बहते हुए जल में कोयला प्रवाहित करे।
- मीन- अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करें।
Published By : Ashwani Rai
पब्लिश्ड 12 August 2021 at 20:20 IST