Published 13:44 IST, November 28th 2024
नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज मामले पर अदालत ने मुंबई पुलिस से मांगा जवाब
अदालत ने आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े की शिकायत पर नवाब मलिक के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत दर्ज मामले की जांच के बारे में मुंबई पुलिस से जानकारी मांगी।
Nawab Malik: बंबई उच्च न्यायालय ने आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े की शिकायत पर राकांपा नेता नवाब मलिक के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत दर्ज मामले की जांच के बारे में बृहस्पतिवार को मुंबई पुलिस से जानकारी मांगी।
करदाता सेवा महानिदेशालय (डीजीटीएस) में अतिरिक्त आयुक्त और महार अनुसूचित जाति के सदस्य वानखेड़े ने पिछले सप्ताह पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाकर मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मुंबई के गोरेगांव पुलिस थाने के संबंधित अधिकारी को केस डायरी लेकर सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
दो हफ्ते में जांच के विवरण से अवगत कराने का निर्देश
अदालत ने कहा कि उसे दो सप्ताह में जांच के विवरण से अवगत कराया जाए। वानखेड़े ने वकील सना रईस खान के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया है कि मामले में पुलिस की निष्क्रियता के कारण उन्हें और उनके परिवार को काफी मानसिक परेशानी और अपमान झेलना पड़ा है।
अगस्त 2022 में, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी वानखेड़े ने अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री मलिक के खिलाफ गोरेगांव पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि मलिक ने साक्षात्कार के दौरान और अपने सोशल मीडिया पोस्ट में वानखेड़े तथा उनके परिवार के सदस्यों की जाति के आधार पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं।
अबतक तक मलिक को नहीं किया गया गिरफ्तार
इस मामले में न तो अब तक मलिक को गिरफ्तार किया गया है और न ही आरोप पत्र दायर हुआ है। उच्च न्यायालय में 20 नवंबर को दायर याचिका में, वानखेड़े ने दावा किया कि पुलिस ने आज तक मामले में कोई जांच नहीं की है और इसलिए इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
Updated 13:44 IST, November 28th 2024