अपडेटेड 25 September 2024 at 23:59 IST

प्रशासन ने 23 'अवैध' मकान और दुकानों पर चलवाया बुलडोजर

बहराइच के कैसरगंज तहसील क्षेत्र स्थित गांव की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गयी 23 सम्पत्तियों को HC के आदेश पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर जमींदोज करा दिया।

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bulldozer action
bulldozer action | Image: PTI

उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के कैसरगंज तहसील क्षेत्र स्थित एक गांव की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गयी 23 सम्पत्तियों को उच्च न्यायालय के आदेश पर बुधवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर जमींदोज करा दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि गिराए गए मकानों में अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय के हैं जिनकी पुश्तें यहां 70-80 सालों से रह रही हैं।

कैसरगंज तहसील के उप जिलाधिकारी आलोक प्रसाद ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि कैसरगंज तहसील की सराय जगना ग्राम पंचायत के वजीरगंज बाजार में गाटा संख्या 211, 212 व 92 पर सरकारी खलिहान व रास्ता था जिस पर 11 पक्की दुकानें, 8 पक्के मकान व चार अन्य टिन शेड वगैरह (कुल 23 सम्पत्तियां) बनाकर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था।

उन्होंने बताया कि इसी गांव की रहने वाली हदीसुल नाम की एक महिला ने इन अवैध कब्जों के विरुद्ध उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका दाखिल की थी।

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प्रसाद ने बताया कि अदालत ने याचिका पर फैसला सुनाते हुए मई 2023 में सरकारी जमीन खाली कराने के आदेश दिए थे।

उप जिलाधिकारी के मुताबिक, आदेश के क्रम में सभी कब्जेदारों को जमीन खाली करने के नोटिस दिए गए थे तथा इस दौरान वैधानिक प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी थी।

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उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए ग्रामीणों से कब्जा खाली करने को कहा तो अधिकांश लोगों ने सहयोग करते हुए स्वयं अपना कब्जा खाली कर दिया है।

प्रसाद ने बताया कि आज पुलिस व राजस्व कर्मियों की मौजूदगी में सभी 23 सम्पत्तियों को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया।

इस बीच, रोते-बिलखते ग्रामीणों ने संवाददाताओं से कहा, ''यहां किसी का 50 साल से, किसी का 70-80 साल से तो किसी का 90 वर्षों से मकान और दुकान है। इन मकानों में महिलाएं और बच्चे मिलाकर सैकड़ों लोग रह रहे हैं। दर्जनों परिवारों की रोजी रोटी इन दुकानों से चल रही है। अब सरकार के लोग इस जमीन पर कब्जा लेने आ गये हैं।”

एक ग्रामीण महिला ने कहा, ''मेरा मकान तो मोदी जी की कॉलोनी योजना के तहत बना है तब भी इसे गिराया जा रहा है।”

एसडीएम ने कहा कि स्थानीय हदीसुल द्वारा दायर जनहित याचिका के बाद उच्च न्यायालय ने कब्जाधारियों को जमीन खाली करने का आदेश दिया था।

अधिकारी ने कहा, "प्रशासन ने कब्जाधारियों को नोटिस जारी किया और अधिकांश निवासियों ने स्वेच्छा से अपनी संपत्ति खाली कर दी।"

यह कार्रवाई तब हुई है जब दो सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने सवाल उठाते हुए कहा था "किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है क्योंकि वह एक आरोपी है" और कहा कि वह सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी अनधिकृत निर्माण या अतिक्रमण को संरक्षण नहीं देगा।

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 25 September 2024 at 23:59 IST