अपडेटेड 8 July 2025 at 23:11 IST
पुलवामा अटैक में Amazon से खरीदा गया था विस्फोटक, PayPal से हुई गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले आतंकियों को पेमेंट; FATF का खुलासा
वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था FATF (Financial Action Task Force) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत में हुए प्रमुख आतंकी हमलों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का दुरुपयोग किया गया था।
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वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था FATF (Financial Action Task Force) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत में हुए प्रमुख आतंकी हमलों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का दुरुपयोग किया गया था। FATF की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2019 के पुलवामा हमले में उपयोग किए गए IED के लिए आवश्यक एल्यूमीनियम पाउडर को Amazon से खरीदा गया था। यह सामग्री विस्फोट के प्रभाव को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की गई थी। इस आत्मघाती हमले में 40 भारतीय सैनिक मारे गए थे और इसकी साजिश जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने रची थी।
FATF ने 3 अप्रैल 2022 को उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जिसमें हमलावर को PayPal के जरिए 6,69,841 रुपए की राशि भेजी गई थी। इसके अलावा, एक अन्य विदेशी स्रोत से भी 10,323.35 रुपए का फंड मिला था। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी ने अपनी पहचान छुपाने के लिए VPN सेवाओं का उपयोग किया था।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का बढ़ रहा दुरुपयोग: FATF
रिपोर्ट में ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मार्केटप्लेस के जरिए आतंकवादियों द्वारा उपकरण, रसायन, हथियार और 3D प्रिंटिंग सामग्री की खरीद के मामलों पर प्रकाश डाला गया है। FATF का मानना है कि EPOM जैसे प्लेटफॉर्म को मनी लॉन्ड्रिंग योजनाओं के तहत फंड ट्रांसफर के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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पहलगाम हमले की निंदा
FATF ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि वित्तीय सहायता के बिना इस तरह के हमले संभव नहीं होते। संस्था ने यह भी बताया कि वह 200 देशों और क्षेत्रों के अपने वैश्विक नेटवर्क से प्राप्त मामलों का विश्लेषण करते हुए आतंकी वित्तपोषण पर एक विस्तृत अध्ययन कर रही है।
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आतंकी फंडिंग को समझने और रोकने की क्षमता में बड़ी कमियां
रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से देशों में आतंकवाद की फंडिंग को समझने और रोकने की क्षमता में अब भी बड़ी कमियां हैं, और अगर इन्हें समय पर ठीक नहीं किया गया तो आतंकी संगठन मौजूदा कमजोरियों का फायदा उठाते रहेंगे। इसमें यह बताया गया है कि किस तरह आतंकी संगठन अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल सिस्टम का इस्तेमाल अपनी गतिविधियों को जारी रखने और हमले करने के लिए करते हैं।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 8 July 2025 at 23:11 IST