अपडेटेड 8 July 2024 at 20:25 IST

कठुआ आतंकी हमले में 4 जवान शहीद, हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ

जम्मू कश्मीर के कठुआ में सोमवार को आतंकियों ने सेना के जवानों पर हमला किया। जिसमें 4 जवान शहीद हो गए हैं और 6 जवान घायल हैं।

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Terrorist attack in Kathua
कठुआ आतंकी हमले में 4 जवान शहीद | Image: PTI

Terrorist attack: जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकियों ने फिर कायराना हरकत की है। माचेड़ी इलाके में आतंकी हमले में भारतीय सेना के 4 जवान शहीद हो गए हैं और 6 जवान घायल हैं। जवानों और आतंकियों के बीच गोलीबारी जारी है। इस हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ बताया जा रहा है। घात लगातार बैठ आंतकियों ने सेना की गाड़ी को निशाना बनाया है।

सेना के जवान सोमवार को दोपहर करीब 3:30 बजे माचेड़ी-किंडली-मल्हार रोड पर नियमित गश्त पर निकले थे। इसी दौरान आतंकियों ने कठुआ शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार के बदनोटा गांव के पास सेना के वाहनों को निशाना बनाया। आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका और जवानों पर गोलीबारी शुरू करदी। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की लेकिन आतंकवादी पास के जंगल में भाग गए। अधिकारियों ने बताया कि आखिरी रिपोर्ट मिलने तक आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी जारी थी।

सेना ने भेजा अतिरिक्त बल

घाटी में आतंकियों की कायराना हरकतों का सेना पुरजोर जवाब देती है। इस हमले के बाद आतंकवादियों को मार गिराने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त बल भेजा गया है। हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ की है और ऊंचे इलाकों की ओर जा रहे हैं। इस हमले में सेना के कुल 10 जवान घायल हुए थे, जिसमें से 4 ने दम तोड़ दिया।

एक महीने में दूसरी बड़ी घटना

पिछले चार सप्ताह में कठुआ जिले में यह दूसरी बड़ी आतंकी घटना है। इससे पहले 12 और 13 जून को तलाशी और घेराबंदी अभियान के दौरान भीषण गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए थे और एक सीआरपीएफ जवान शहीद हुआ था। 26 जून को डोडा जिले के गंदोह इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी में तीन आतंकवादी मारे गए थे।  9 जून को, आतंकवादियों ने रियासी जिले के शिव खोरी मंदिर से तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमला किया था। जिसमें बस ड्राइवर और कंडक्टर सहित 9 लोगों की मौत हो गई और 41 घायल हुए थे।

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लंबे समय बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी देखी गई है, जिसका कारण अधिकारियों ने पाकिस्तानी आकाओं द्वारा क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने और शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने का प्रयास बताया है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 8 July 2024 at 19:59 IST