Published 09:52 IST, August 31st 2024
'दास अपना सिर झुकाता है'...तनखैया घोषित सुखबीर बादल मांगेंगे माफी; श्री अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा
श्री अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित किया है। फिलहाल सुखबीर बादल ने इस आदेश को स्वीकार कर लिया है और वो माफी मांगेंगे जाएंगे।
Sukhbir Singh Badal: शिरोमणि अकाली दल के सुप्रीमो और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल अब श्री अकाल तख्त साहिब के सामने माफी मांगेंगे। सुखबीर बादल को धार्मिक सजा दी गई है। उन्हें शुक्रवार को सर्वोच्च सिख धार्मिक पीठ अकाल तख्त ने तनखैया (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया और 15 दिन के भीतर पेश होने का आदेश दिया। फिलहाल सुखबीर बादल ने इस आदेश को स्वीकार कर लिया है और वो श्री अकाल तख्त के सामने पेश होने जाएंगे। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए खुद जानकारी दी है।
सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार शाम को एक पोस्ट में कहा, 'दास (सुखबीर बादल) अपना सिर झुकाते हैं और मीरी पीरी के सर्वोच्च तीर्थ श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश को स्वीकार करते हैं। आदेश के अनुसार, मैं जल्द ही श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होकर खिमा का परीक्षण (माफी मांगेंगे) करूंगा।'
बादल को अपनी सरकार की गलतियों के लिए मिली सजा
सुखबीर बादल को 2007 से 2017 तक उनकी पार्टी की सरकार के समय की गई 'गलतियों' के लिए धार्मिक सजा मिली है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि ये सर्वसम्मति से तय किया गया है कि सुखबीर बादल ने उपमुख्यमंत्री और शिअद अध्यक्ष रहते हुए ऐसे फैसले लिए, जिनसे पार्टी प्रभावित हुई और सिख हितों को नुकसान पहुंचा। जत्थेदार ने कहा कि जब तक बादल गुरु ग्रंथ साहिब की मौजूदगी में अकाल तख्त के सामने पेश होकर अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते, तब तक उन्हें 'तनखैया' घोषित किया जाता है।
तनखैया में किस तरह की सजा दी जाती है?
सिख धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इसके तहत दी जाने वाली सजा मूल रूप से 'सेवा' की होती है और संबंधित व्यक्ति से कोई भी 'सेवा' करने को कहा जा सकता है, जो वो अपने हाथों से कर सकता है। अगर कोई तनखैया घोषित होने के बाद माफी मांगता है तो उसकी सजा का ऐलान कर दिया जाता है। सजा में 'जोड़ा घर' पर जूते साफ करने की 'सेवा' या ऐसी ही कोई अन्य सेवा शामिल हो सकती है। सजा पूरी होने के बाद तनखैया को हटा दिया जाता है।
तनखैया में सजा कैसे तय होती है?
सिख धर्म की मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध के अनुसार सजा तय की जाती है। सजा कहां होगी, कैसी होगी और कितने दिनों की होगी, ये सभी पहलू गुरुद्वारे में ही तय होते हैं। जत्थेदार तय करता है कि सजा कहां दी जाएगी।
Updated 09:52 IST, August 31st 2024