Published 20:39 IST, October 6th 2024
तमिलनाडु के राज्यपाल ने राज्य में ‘सिंथेटिक ड्रग्स’ की समस्या को लेकर चिंता जताई
राज्यपाल ने कहा कि तमिलनाडु में 'सिंथेटिक ड्रग्स' को गांजा कहा जाता है, लेकिन केरल या कर्नाटक में इसे हेरोइन, हशीश या मेथ क्रिस्टल कहा जाता है।
राज्यपाल आर एन रवि ने मादक पदार्थों की समस्या पर रविवार को चिंता व्यक्त करते हुए तमिलनाडु पुलिस की आलोचना की और आरोप लगाया कि राज्य के अधिकारी एक ग्राम भी ‘सिंथेटिक ड्रग्स’ जब्त नहीं कर पा रहे हैं जबकि केंद्रीय एजेंसियां राज्य में सैकड़ों किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद कर रही हैं।
युवाओं में नशे की लत को एक 'गंभीर समस्या' बताते हुए रवि ने कहा कि अकेले सरकार इसे खत्म नहीं कर सकती, बल्कि एक जन आंदोलन के जरिए ही इसे खत्म किया जा सकता है।
नशे की लत के कारण समृद्ध और खुशहाल परिवारों को बर्बाद होते देखा- आर एन रवि
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, "देश नवरात्र का त्योहार मना रहा है और आम तौर पर मैं इन नौ दिनों के दौरान चेन्नई से बाहर नहीं जाता हूं, ताकि शाम को राजभवन में होने वाली पूजा में शामिल हो सकूं। हालांकि, जब मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया तो मैंने फैसला किया कि मुझे इससे दूरी नहीं बनानी चाहिए। मादक पदार्थ का मुद्दा मेरे दिल के करीब है। मैंने, नशे की लत के कारण समृद्ध और खुशहाल परिवारों को और समाज को बर्बाद होते देखा है।"
तेनकाशी, चेन्नई से लगभग 60 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
राज्यपाल ने कहा कि तमिलनाडु में 'सिंथेटिक ड्रग्स' को गांजा कहा जाता है, लेकिन केरल या कर्नाटक में इसे हेरोइन, हशीश या मेथ क्रिस्टल कहा जाता है।
उन्होंने कहा, "मैं अपने राज्य के बारे में इसलिए चिंतित हूं क्योंकि केंद्रीय एजेंसियों ने हमारे राज्य के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों किलोग्राम सिंथेटिक और रासायनिक ड्रग्स जब्त किए हैं।’’
Updated 20:39 IST, October 6th 2024