अपडेटेड 1 July 2025 at 14:36 IST
तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में एक मंदिर में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत 27 वर्षीय अजीत कुमार की पुलिस हिरासत में मौत ने पूरे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। पुलिस के अनुसार, अजीत की मौत हिरासत से भागने की कोशिश के दौरान मिर्गी का दौरा पड़ने से हुई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिवार के आरोप इस दावे पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
आपको बता दें कि बीते 27 जून को हुई अजीत कुमार को मदापुरम कालियाम्मन मंदिर में सोने के आभूषण चोरी मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। एक महिला श्रद्धालु ने आरोप लगाया था कि मंदिर में दर्शन के दौरान उसने अजीत से कार पार्क करने को कहा था, जिसके बाद उसकी कार से 80 ग्राम सोने के गहने गायब हो गए। हालांकि अजीत को कार चलाना नहीं आता था, इसलिए उसने पार्किंग में किसी अन्य व्यक्ति से मदद ली थी। बावजूद इसके, पुलिस ने उसी दिन उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान पुलिस ने दावा किया कि अजीत ने चोरी स्वीकार कर ली और बताया कि उसने गहने एक गौशाला में छिपा दिए हैं।
पुलिस ने मौत पर क्या कहा?
पुलिस ने कहा कि जब अजीत को गौशाला में आभूषण बरामद करने के लिए ले गई, तो उसने कथित रूप से एस्बेस्टस शीट हटाते वक्त भागने की कोशिश की और उसी दौरान वह फिसल गया। इसी समय उसे मिर्गी का दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मौत को लेकर जो एफआईआर दर्ज करवाई है उसके मुताबिक घटना पुलिस इंस्पेक्टर और डीएसपी की निगरानी में हुई थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 17 जगह मिले चोट के निशान
अजीत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक अजीत के शरीर पर कम से कम 17 जगह चोट के गहरे निशान मिले हैं। इसमें बाहरी के साथ-साथ गंभीर आंतरिक चोटें भी शामिल हैं।
मौत के बाद से राजनीतिक घमासान
इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि राज्य में पुलिसिया अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं और अजीत की मौत एक स्पष्ट कस्टोडियल किलिंग का मामला है।
पब्लिश्ड 1 July 2025 at 14:36 IST