अपडेटेड 21 April 2025 at 20:29 IST
परिवार से बात करने को तड़प रहा 26/11 का गुनहगार तहव्वुर राणा, कोर्ट में याचिका दायर कर लगाई गुहार
पाकिस्तानी मूल के आतंकी तहव्वुर राणा ने अपने परिवार से बात करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है। वो फिलहाल NIA की कस्टडी में है।
- भारत
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Tahawwur Rana Appeal To Court : 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर राणा दूसरों के परिवार उजाड़कर अब अपने परिवार से बात करने के लिए तड़प रहा है। भारत आने के बाद उसे अपने परिवार की याद सता रही है। तहव्वुर राणा ने परिवार के लोगों से बातचीत के लिए दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की है।
आतंकी तहव्वुर राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम 10 अप्रैल को अमेरिका से भारत लेकर आई थी। अब उनसे NIA की स्पेशल कोर्ट में गुहार लगाई है कि परिवार के सदस्यों से बातचीत करने की अनुमति दी जाए। दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने उसकी याचिका के संबंध में NIA को नोटिस जारी किया है। अदालत 23 अप्रैल को दलीलें सुनेगी।
CCTV से निगरानी
आतंकी तहव्वुर राणा फिलहाल 18 दिनों की NIA हिरासत में है। इससे पहले उसने सेल में कुरान, कलम और कागज की मांग की थी, जो उसे उपलब्ध करवाए गए थे। इसके बाद खबर आई कि उसने खाने में नॉनवेज की मांग की है, लेकिन उसे नियमों के अनुसार शाकाहारी खाना दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक तहव्वुर राणा को NIA मुख्यालय के अंदर एक हाई-सिक्योरिटी वाले सेल में रखा गया है, जहां चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी उसकी रखवाली कर रहे हैं। उस पर CCTV के जरिए निगरानी रखी जा रही है।
सेल में 5 वक्त की नमाज
कोर्ट आदेश के मुताबिक, तहव्वुर राणा को हर दूसरे दिन DLSA की ओर से मुहैया कराए गए वकील से मिलने की अनुमति है और हर 48 घंटे में उसकी मेडिकल जांच की जाती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, NIA की कस्टडी में तहव्वुर राणा पांच वक्त नमाज अदा करता है।
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कैसे पकड़ा गया तहव्वुर राणा?
2009 में राणा और हेडली को FBI ने पश्चिम मध्य अमरीका के शिकागो से गिरफ्तार किया था। इन दोनों ने डेनमार्क में हमले की साजिश रची थी। FIB ने दोनों को उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वो हमले के लिए डेनमार्क जा रहे थे। जांच में 26/11 हमले के सुराग मिले और भूमिका का खुलासा हुआ।
26/11 हमले में आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का पूरा सपोर्ट था। पाकिस्तान की मदद के बिना हथियारों से लदी नाव को भारत भिजवाना संभव ही नहीं था। इसके लिए पाकिस्तान की हरी झंडी जरूरी थी। 26/11 के आतंकियों को लश्कर के सरगनाओं ने ट्रेनिंग दी थी। लश्कर के हर आदमी के हैंडलर ISI के एक यो दो लोग होते हैं। खुद डेविड हेडली के 2 ISI हैंडलर मेजर इकबाल और मेजर समीर अली थे।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 21 April 2025 at 20:12 IST