अपडेटेड 14 February 2024 at 13:52 IST

सनातन पर ताबड़तोड़ हमला, अब महासचिव पद से इस्तीफा; Swami Prasad Maurya सपा से क्यों रूठे?

UP News : स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिया। मौर्य ने अखिलेश यादव को पत्र लिखकर इस्तीफे की घोषणा की।

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swami prasad maurya and akhilesh yadav
स्वामी प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव | Image: @akhileshyadav/x

Swami Prasad Maurya : सनातन धर्म और हिंदू धर्मग्रंथों पर पिछले कुछ वक्त में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की जुबान उठ रही थी। आए दिन स्वामी प्रसाद मौर्य कोई ना कोई विवादित बयान हिंदुओं पर करते रहे। खास राम मंदिर और रामायण, सपा नेता ने आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए ये टिप्पणी ना सिर्फ कानूनी रूप से मुश्किलें भरी थीं, बल्कि सपा के अंदर भी उनके रुख का विरोध जगजाहिर होने लगा था। अभी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने इस्तीफे को लेकर चर्चा में हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। मौर्य ने एक लंबी चौड़ी चिट्ठी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को लिखी, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा भेजते हुए आरोप लगाए, 'राष्ट्रीय महासचिव पद में भेदभाव है, तो मैं समझता हूं ऐसे भेदभाव पूर्ण और महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से मैं त्यागपत्र दे रहा हूं।'

मौर्य ने पार्टी पर ही लगाए गंभीर आरोप

अखिलेश को लिखे पत्र में मौर्य ने आरोप लगाते हुए कहा, 'मैंने आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के सम्मान और स्वाभिमान को जगाकर, सावधान कर वापस लाने की कोशिश की तो पार्टी के ही कुछ छुटभैये और कुछ बड़े नेताओं ने "मौर्य जी का निजी बयान है" कहकर इस धार को कुंठित करने की कोशिश की।'

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उन्होंने कहा, 'हैरानी की बात है कि मैं राष्ट्रीय महासचिव हूं और मेरा कोई भी निजी हो जाता है। पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव और नेता ऐसे भी हैं, जिनका हर बयान पार्टी का हो जाता है। एक ही स्तर के पदाधिकारियों में कुछ का निजी और कुछ का पार्टी का बयान कैसे हो जाता है?' स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा, 'हैरानी ये है कि मेरे प्रयास से आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों का रुझान समाजवादी पार्टी के तरफ बढ़ा है। बढ़ा हुआ जनाधार पार्टी का, जबकि जनाधार बढ़ाने का प्रयास और वक्तव्य पार्टी का ना होकर निजी कैसे?'

मौर्य के विवादित बयानों से अलग रही है सपा

भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर जब स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में आए तो उनके सुर एकदम से अलग दिखे। शुरुआत से ही उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथों और सनातन धर्म को टारगेट किया। मौर्य के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं। कई बयानों पर भारी हंगामा भी रहा है। फिर भी मौर्य अपने बयानों में सनातन को टारगेट करते रहे।

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हालांकि मौर्य के पार्टी के अंदर जो आरोप रहे हैं, उनमें कोई दोराय नहीं है। विवादों के बीच सपा के कई नेताओं ने मौर्य के बयानों से खुद को दूर कर लिया था। यहां तक कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव जैसे नेताओं ने मौर्य की टिप्पणी को निजी बयान बताकर खुद पल्ला झाड़ लिया था।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 14 February 2024 at 13:38 IST