Published 19:01 IST, October 11th 2024
सुरेश भैय्याजी जोशी बोले- जन्म के आधार पर अपने भीतर जातिवाद न पनपने दें
सुरेश भैय्याजी जोशी ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘हमें जन्म के आधार पर अपने भीतर जातिवाद नहीं पनपने देना चाहिए। ’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘हमें जन्म के आधार पर अपने भीतर जातिवाद नहीं पनपने देना चाहिए। ’’ उन्होंने कहा कि चाहे कोई समुदाय कमजोर हो या समृद्ध, वह हिंदू समाज से अलग नहीं हो सकता।
वह आरएसएस के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में यहां त्रिवेणी नगर में आयोजित विजयदशमी उत्सव को संबोधित रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे किसी राज्य की सीमाएं हमारे अंदर भेद नहीं डाल पाती, वैसे ही जन्म के आधार को भी हमारे अंदर जातिवाद नहीं पनपने देना चाहिए। जैसे शरीर का हिस्सा, भले वह छोटा या बड़ा हो, शरीर से अलग नहीं हो सकता वैसे ही कोई भी समाज (समुदाय) कमजोर या समृद्ध हो, वह हिंदू समाज से अलग नहीं हो सकता।’’
उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव आंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना में देश को भारत कहकर प्रस्तुत किया है न कि कर्नाटक, उड़ीसा या तमिलनाडु। उन्होंने कहा कि देश में तमिल, असम, मणिपुर, महाराष्ट्र हर जगह के लोग भारत माता की जय ही कहते हैं, उनके रहन-सहन, खान पान, पहनावे में अंतर हो सकता है पर भारतवर्ष के लोगों के मन में कभी भी अंतर नहीं आ सकता।
उन्होंने सवाल किया,‘‘ जन्म के आधार पर जाति तय हो जाती है क्या? ज्योतिर्लिंग 51 शक्ति पीठ किसी जाति के हैं?’’ बयान के अनुसार भैय्याजी ने कहा कि राम के साथ मर्यादा और पुरुषोत्तम दो नाम जुड़े हैं और ये दोनों शब्द कई विपदाओं में मार्गदर्शन करते हैं, ये नकारात्मक शक्तियों का विघटन एवं दैवीय शक्ति को विकसित करते हैं।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार संविधान की प्रस्तावना में रवीन्द्र नाथ टैगोर ने ‘हम भारत के लोग हैं’ लिखा तथा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी भारत माता की जय कहते हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश डॉ. राजेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ संघ में प्रचलित शिक्षा देना आवश्यक है।
उन्होंने कहा , ‘‘हमारी नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाना है, तो इन्हें धर्म से दूर नहीं करना चाहिए।’’ आरएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न मार्गों से होते हुए पथ संचलन निकाला। अनेक जगह लोगों ने पथ संचलन का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
Updated 19:01 IST, October 11th 2024