Published 15:53 IST, October 4th 2024
'बुलडोजर एक्शन संबंध में SC की अवमानना हुई तो...', सुप्रीम कोर्ट ने दी राज्य सरकारों को चेतावनी
याचिकाकर्ता 'समस्त पाटनी मुस्लिम जमात' की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि SC के आदेश के बावजूद गुजरात में अधिकारियों ने ढांचों को ध्वस्त कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यदि उसने पाया कि गुजरात के अधिकारियों ने संपत्ति के ध्वस्तीकरण संबंधी उसके आदेश की अवमानना की है तो वह उन्हें तोड़े गए ढांचों को फिर से बहाल करने के लिए कहेगा। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ शीर्ष अदालत के 17 सितंबर के आदेश के कथित उल्लंघन के लिए अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अपील वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि देशभर में अपराध के आरोपियों सहित अन्य लोगों की संपत्तियों का बिना शीर्ष अदालत की अनुमति के ध्वस्तीकरण नहीं किया जाएगा।
याचिकाकर्ता 'समस्त पाटनी मुस्लिम जमात' की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद गुजरात में अधिकारियों ने ढांचों को ध्वस्त कर दिया है। गुजरात के अधिकारियों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ढांचे समुद्र से सटे हुए और सोमनाथ मंदिर से लगभग 340 मीटर की दूरी पर थे। मेहता ने कहा, 'यह न्यायालय द्वारा निर्धारित अपवाद के अंतर्गत आता है।'
पिछले महीने अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय ने कहा था, 'हम स्पष्ट करते हैं कि अगर किसी सार्वजनिक स्थान जैसे कि सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन या नदी अथवा किसी जल निकाय से सटी कोई अनधिकृत संरचना है तो हमारा आदेश लागू नहीं होगा। इसके अलावा ऐसे मामलों में जहां किसी अदालत द्वारा तोड़फोड़ का आदेश दिया गया हो, वहां भी हमारा आदेश लागू नहीं होगा।'
पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा, 'अगर हमें लगता है कि वे हमारे आदेश की अवमानना कर रहे हैं, तो हम न केवल उन्हें जेल भेजेंगे बल्कि हम उनसे यह सब बहाल करने के लिए भी कहेंगे।' याचिका पर कोई नोटिस जारी किए बिना पीठ ने मेहता से जवाब दाखिल करने के लिए कहा और मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तिथि तय की।
Updated 15:53 IST, October 4th 2024