अपडेटेड 18 March 2025 at 22:58 IST
सुप्रीम कोर्ट ने बिना अनुमति के निर्माण कार्य पर आगे बढ़ने के लिए UPSBCL पर जुर्माना लगाया
उच्चतम न्यायालय ने ‘ताज ट्रेपेजियम जोन’ (टीटीजेड) में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य बिना उसकी पूर्व अनुमति के आगे बढ़ाने पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड (यूपीएसबीसीएल) पर मंगलवार को पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
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उच्चतम न्यायालय ने ‘ताज ट्रेपेजियम जोन’ (टीटीजेड) में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य बिना उसकी पूर्व अनुमति के आगे बढ़ाने पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड (यूपीएसबीसीएल) पर मंगलवार को पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने राज्य सरकार की कंपनी के रवैये पर आश्चर्य जताया और उसके निर्णय पर सवाल उठाया, जिसमें ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में कई पेड़ों को काटना और पेड़ों को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करना भी शामिल है।
पीठ, ताजमहल तथा टीटीजेड में वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के संरक्षण के संबंध में पर्यावरणविद् एम सी मेहता द्वारा दायर एक लंबित जनहित याचिका में विभिन्न अंतरिम याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। टीटीजेड, लगभग 10,400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है, जो उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों और राजस्थान के भरतपुर जिले में फैला हुआ है।
न्यायमूर्ति ओका ने सवाल किया, ‘‘आप सरकारी इकाई हैं। आप इस मामले में इस अदालत द्वारा पारित आदेशों से अवगत हैं... आप हमारी पूर्व सहमति के बिना परियोजना और पेड़ों की कटाई को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं?' पीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड (यूपीएसबीसीएल) को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान के खाते में 5 लाख रुपये जमा करे, इससे पहले कि वह निगम की क्षेत्र में अपने पुल के निर्माण के लिए लगभग 198 पेड़ों को काटने से संबंधित उसकी याचिका पर विचार करे। पीठ ने कहा, 'यह राज्य निगम की ओर से उचित आचरण नहीं है।'
न्यायालय ने कहा कि पेड़ों की कटाई और स्थानांतरण पर जोर देने से पहले अनिवार्य वनरोपण किया जाना चाहिए। पीठ ने स्पष्ट किया कि वह टीटीजेड में औद्योगिक या अन्य इकाइयां चलाने और खोलने के लिए “सर्वव्यापी अनुमति” नहीं देगी। न्यायालय ने एक आवेदन पर आदेश पारित करते हुए टीटीजेड प्राधिकरण को यह पता लगाने के लिए स्थल पर अधिकारियों को तत्काल तैनात करने का निर्देश दिया कि क्या कोई पेड़ काटने की गतिविधि की गई थी या जारी है। अदालत ने कहा, 'आवश्यक पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। हम यह स्पष्ट करते हैं कि पुलिस की मदद से ताज ट्रेपेजियम प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि भूमि पर कोई पेड़ काटने की गतिविधि न हो।’’
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पीठ ने उत्तर प्रदेश जल निगम और आगरा नगर निगम को ताज ट्रेपेजियम जोन में बिना शोधित और आंशिक रूप से शोधित नालों के अपशिष्ट के शोधन के लिए न्यायालय के पिछले निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने का निर्देश भी दिया। पीठ ने नालों के मुद्दे पर अधिकारियों से अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 18 March 2025 at 22:58 IST