अपडेटेड 20 April 2025 at 12:59 IST

श्रीनगर हाईवे तबाह: बादल फटा, टूटे पहाड़, लैंडस्लाइड से गांव बर्बाद, मलबे में दबी जिंदगी, गाड़ियां-घर..3 मौतें, रेस्क्यू जारी

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के बाद आपदा की स्थिति बन गई है। रविवार (20 अप्रैल) सुबह रामबन के सेरी बागना गांव में बादल फटने की घटना में तीन लोगों की जान चली गई।

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Jammu Srinagar National Highway closed
श्रीनगर हाईवे तबाह | Image: ANI

Jammu Srinagar National Highway closed : जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश ने कहर बरपा दिया है। रामबन जिले में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाओं ने जनजीवन को थाम दिया है। श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर मलबा गिरने से यातायात पूरी तरह से ठप है। वहीं 3 लोगों की मौत होने की खबर भी मिली है। दर्जनों वाहन और घर मलबे में दब गए हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हालात पर नजर रखने की बात कही है।

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के बाद आपदा की स्थिति बन गई है। रविवार (20 अप्रैल) सुबह रामबन के सेरी बागना गांव में बादल फटने की घटना में तीन लोगों की जान चली गई। तेज बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ के साथ पहाड़ का मलबा बस्ती की ओर बह आया, जिसमें कई घर, गाड़ियां और लोग इसकी चपेट में आ गए। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन पहाड़ों से लगातार मलबा गिरने के कारण रेस्क्यू टीम को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे- 44 बंद

इधर, रामबन के बनिहाल सेक्टर में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। इसकी वजह से श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे (NH-44) को यातायात के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। सैकड़ों वाहन हाईवे पर फंसे हुए हैं। किश्तवाड़-पद्दर मार्ग भी भूस्खलन की वजह से बाधित हो गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि मौसम साफ होने तक यात्रा न करें।

पहाड़ों से आ रहा मलबा.. गाड़ियां दबी पड़ी

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि पहाड़ों से मलबा गिर रहा है और गाड़ियां उसमें पूरी तरह दब चुकी हैं। कुछ जगहों पर होटल और मकान भी मलबे से प्रभावित हुए हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है।

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जमीन दरक रही, स्थानीय लोग भयभीत 

किश्तवाड़ जिले की नागसेनी तहसील के पाथर निक्की गांव में भी लगातार बारिश से जमीन दरक रही है। भूस्खलन की बढ़ती घटनाओं से स्थानीय लोग भयभीत हैं। प्रशासन ने यहां भी चेतावनी जारी करते हुए लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने को कहा है। उधमपुर जिले की सतैनी पंचायत में तेज आंधी और तूफान से दर्जनों पेड़ गिर गए हैं। पंचायत के पूर्व सरपंच पर्शोत्तम गुप्ता ने बताया कि कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप है और यातायात अवरुद्ध है।

केंद्रीय मंत्री प्रशासन के संपर्क में, राहत कार्यों पर निगरानी

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक्ट पर पोस्ट कर लिखा कि वे प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने राहत कार्यों की निगरानी करते हुए कहा कि अगर कोई जरूरत पड़ी तो वे निजी संसाधनों से भी मदद पहुंचाएंगे। जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर बतला दिया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश कितनी विनाशकारी हो सकती है। प्रशासन की ओर से राहत कार्य जारी है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की सख्त जरूरत है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 20 April 2025 at 12:59 IST