अपडेटेड 25 September 2025 at 19:29 IST
Ladakh Violence: बुरे फंसे सोनम वांगचुक, लेह हिंसा में 4 मौत के बाद सरकार ने दिया बड़ा झटका, विदेश से फंडिंग वाला लाइसेंस रद्द
Sonam Wangchuk NGO: लेह हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को बड़ा झटका दिया है। गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक के NGO के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है।
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Sonam Wangchuk NGO: लेह हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को बड़ा झटका दिया है। गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक के NGO के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। लेह हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई थी और 60 से अधिक लोग-पुलिसकर्मी और सुरक्षा के जवान घायल हुए थे।
मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। एनजीओ पर आरोप है कि इन्होंने विदेशी फंडिंग से संबंधित कानून का 'बार-बार' उल्लंघन किया है।
FCRA के कथित उल्लंघन की जांच शुरू
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के द्वारा सोनम वांगचुक के NGO के खिलाफ यह कार्रवाई हिंसा और प्रदर्शन के 24 घंटे बाद हुई है। वहीं, इससे पहले जांच एजेंसी CBI ने सोनम वांगचुक से जुड़े विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, अभी कोई एफआईआर दर्ज करने की खबर नहीं है।
हिंसा में 4 की मौत और 60 से अधिक लोग घायल
मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। क्षेत्र में कर्फ्यू भी लागू होने की खबर सामने आई। अधिकारियों के अनुसार, घायलों में 32 पुलिस और सेना के जवान शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, घायलों में एक एसएसपी रैंक का अधिकारी भी शामिल हैं। घायलों में 17 सीआरपीएफ जवान और 15 लेह पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
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प्रदर्शनकारियों की क्या है मुख्य मांग?
- लद्दाख को राज्य का दर्जा: लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने से लद्दाख को स्वायत्त शासन और कुछ सुरक्षाएं नहीं मिल पा रही हैं, जो पहले उसे मिल रही थीं।
- लद्दाख को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए: प्रदर्शनकारी केंद्र शासित प्रदेश के आदिवासी दर्जे की सुरक्षा के लिए इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
- अलग लोक सेवा आयोग की स्थापना: लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सदस्य बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए लद्दाख के लिए एक अलग लोक सेवा आयोग की मांग कर रहे हैं।
- लद्दाख के लिए दो संसदीय सीटें: प्रदर्शनकारी केंद्र शासित प्रदेश में एक के बजाय दो लोकसभा सीटें चाहते हैं, ताकि सत्ता केवल केंद्र के हाथ में न रहकर केंद्र और क्षेत्र के बीच साझा हो सके।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 25 September 2025 at 19:15 IST