अपडेटेड 13 July 2025 at 23:49 IST
'महत्वाकांक्षी-निडर, आज भी भारत सारे जहां से अच्छा', स्पेस में मिले फेयरवेल में बोले शुभांशु शुक्ला, 15 जुलाई को समंदर में होगी लैंडिंग
भारतीय अतंरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिनों के बाद स्पेस से वापस लौटेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है।
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भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिनों तक ISS में रहने के बाद अब वापसी करने जा रहे हैं। 14 जुलाई को भारतीय एस्ट्रोनॉट स्पेस से रवाना होंगे, और 15 जुलाई को कैलिफोर्निया के समंदर में उनकी लैंडिंग होगी। ISS में शुभांशु को फेयरवेल भी मिला। इस दौरान उन्होंने भावुक कर देने वाला स्पीच भी दिया। उन्होंने कहा कि आज का भारत महत्वाकांक्षी और निडर दिखता है। इस दौरान उन्होंने राकेश शर्मा को भी याद किया।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा, "आज का भारत स्पेस से महत्तवकांशी दिखता है, आज का भारत स्पेस से निडर दिखता है, आज का भारत गौरव से पूर्ण दिखता है और इन्हीं सब कारणों की वजह से आज मैं फिर से कह सकता हूं कि आज का भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा दिखता है।"
शुभांशु शुक्ला ने शेयर किया अपना अनुभव
ग्रुप कैप्टन शुभांशु ने इस यात्रा को संभव बनाने के लिए लोगों, इसरो, नासा, अंतरराष्ट्रीय साझेदारों, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने दुनिया भर के पेशेवरों के साथ काम करने के अविश्वसनीय अनुभव और मिशन के दूरगामी प्रभाव को लेकर कहा, "यहां आकर और आप जैसे पेशेवरों के साथ काम करके मुझे बहुत खुशी हुई। पिछले ढाई हफ्तों से, हमने स्टेशन पर काफी वैज्ञानिक शोध किया है, और आउटरीच गतिविधियां की हैं।"
यह मेरे लिए जादुई सा लगता है: शुभांशु शुक्ला
उन्होंने आगे कहा, "(हमने) जो भी समय पाया, उसमें पृथ्वी की ओर भी देखा। हम हमेशा खिड़की से बाहर देख रहे थे। यह मेरे लिए लगभग जादुई सा लगता है और मैं इस अवसर पर अपने देश और उसके सभी नागरिकों का इस मिशन और मेरा पूरे दिल से समर्थन करने के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं। मैं इसे संभव बनाने के लिए इसरो का, इसरो के सभी सहयोगियों का, जिन्होंने सभी प्रोटोकॉल, विज्ञान और आउटरीच गतिविधियों को विकसित करने में अथक परिश्रम किया... भारत में शोधकर्ताओं का, और उन छात्रों का जिन्होंने आउटरीच आइटम विकसित किए जिन्हें मैं ले गया था।"
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शुभांशु शुक्ला ने NASA का किया धन्यवाद
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने नासा, अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों, एक्सिओम स्पेस, स्पेसएक्स का भी धन्यवाद किया, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम (अंतरिक्ष यात्रियों) को बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया और चौबीसों घंटे पूरा सहयोग प्रदान किया गया - वे लोग जो ज़मीन पर थे, इस मिशन का समर्थन कर रहे थे और इसे बेहद सफल बना रहे थे।"
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 13 July 2025 at 23:49 IST