अपडेटेड 13 June 2024 at 16:56 IST
चोरों ने चुरा लिए 2 लाख रुपये के 6 बकरे, बकरों के मालिकों की बकरीद की खुशियां गायब
उत्तर-पश्चिम दिल्ली के वजीराबाद में बकरा चुराने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि चोर तकरीबन 2 लाख रुपये के बकरों को चुरा कर ले गए।
- भारत
- 2 min read

उत्तर-पश्चिम दिल्ली के वजीराबाद में तीन लोगों ने छह बकरे चुरा लिये, जिसके बाद उनके मालिकों को दो लाख रुपये का नुकसान हुआ है और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे अगले हफ्ते बकरीद कैसे मनायेंगे। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को वजीराबाद में हुई यह चोरी सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गयी।
ये बकरे दो व्यक्तियों के थे, जिन्होंने उन्हें अपने घरों के पास खाली जमीन पर बांध रखे थे। इस भूखंड के दरवाजे पर उन्होंने ताला लगा दिया था। सीसीटीवी में नजर आया कि चूंकि (चोरों की) यह ‘आई20’ कार संकरी गली के अंदर नहीं जा पायी तो ऐसे में मफलर से चेहरा ढ़के तीन लोग (चोर) पैदल ही भूखंड तक गये। सीसीटीवी में दिख रहा है कि उन्होंने ‘गैसकटर’ से ताला काट दिया और फिर एक-एक कर बकरों को वहां से ले गये। फिर वे बाहर खड़ी कार में उन्हें डालकर वहां से चले गये।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को सोमवार को पूर्वाह्न 10 बजकर 25 मिनट पर चोरी के बारे में कॉल की गयी। उनके मुताबिक, पुलिस को बताया गया कि दो महीने पहले ही इन बकरों को अगले हफ्ते बकरीद पर कुर्बानी देने के लिए खरीदा गया था।
चुराये गये चार बकरों के मालिक मोहम्मद राशिख ने कहा, ‘‘यह हमारी पवित्र रीति है कि हम बकरीद पर कुर्बानी देने से पहले कुछ दिनों तक उन्हें (बकरों को) अपने पास खिलाते हैं। इन छह बकरों की कीमत दो लाख रुपये से अधिक थी।’’ राशिख अंशकालिक व्यापार करते हैं और वह अपनी पत्नी एवं तीन बच्चों के साथ एक मकान में रहते हैं। इसी मकान के बगल के भूखंड में इन बकरों को उन्होंने रखा था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पुलिस को सूचना दे दी है, लेकिन उनके वापस मिलने की संभावना बिल्कुल कम है। शायद, इस बार हम एक या दो बकरों से ही त्योहार मना पायेंगे, मैं जल्द ही एक-दो बकरे खरीदूंगा।’’
Advertisement
चुराये गये दो बकरों के मालिक मोहम्मद साकिब ने कहा कि यह घटना तब हुई जब सब लोग सो रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘किसी तरह, हमने बकरीद पर कुर्बानी के वास्ते दो बकरे खरीदने के लिए पैसे जुटाये थे। मेरे पास और बकरे खरीदने के लिए अब पैसे नहीं हैं।’’ साकिब ‘मेडिकल रिप्रेंजटेटिव’ का काम करते हैं। वह भी उस भूखंड के बगल के एक मकान में रहते हैं।
Advertisement
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 13 June 2024 at 16:56 IST