अपडेटेड 1 November 2025 at 23:32 IST
शिमला में कूड़े पर तीर चलाते भगवान राम के पोस्टर पर छिड़ा विवाद, हिंदू संगठन ने दे डाली चेतावनी; जानिए क्या
शिमला में नगर निगम के पोस्टर में भगवान राम की तस्वीर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने इसे हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है और आंदोलन करने की चेतावनी तक दे डाली है।
- भारत
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Shimla Ram Poster Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। जहां नगर निगम शिमला की तरफ से स्वच्छता का संदेश देते हुए पोस्टर लगाए गए थे। लेकिन उस पोस्टर को देखकर देवभूमि संघर्ष समिति भड़क उठी। दरअसल, उस पोस्टर में भगवान राम बाल रूप में कूड़े के ढेर पर बाण मारते हुए दिखाई दे रहे है। ऐसे में इस पोस्ट को लेकर लोगों ने आपत्ति जताना शुरू कर दिया। देवभूमि संघर्ष समिति पोस्टर हटाने की चेतावनी तक दे डाली और कहा कि, इस तरह से प्रभु श्रीराम का अपमान और हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत किया गया है।
24 घंटे के अंदर सभी पोस्टर हटाने की चेतावनी
देवभूमि संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर 24 घंटे के भीतर शहर भर के सभी पोस्ट नहीं हटाए जाए, नहीं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। समिति ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पहले दिन से ही अपने सनातन विरोधी मनसूबे साफ कर दिए थे।
नगर निगम शिमला के खिलाफ शिकायत
देवभूमि संघर्ष समिति ने छोटा शिमला थाने में शिकायत दी है, जिसमें BNS की धारा 299 के तहत धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर शिमला नगर निगम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। समिति ने मांग की है कि शहर के भीतर से सभी पोस्टर निकाल दिए जाएं और कार्रवाई न किए जाने पर हिंदू सड़कों पर उतरेंगे।
क्या है मामला?
नगर निगम शिमला ने स्वच्छता का संदेश देने के लिए एक पोस्टर लगाया था, जिस पर भगवान राम बाल रूप में कूड़े के ढेर पर बाण मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस पोस्टर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें देवभूमि संघर्ष समिति ने आपत्ति जताई है और इसे प्रभु श्रीराम का अपमान और हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पहले दिन से ही अपने सनातन विरोधी मनसूबे साफ कर दिए थे।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 1 November 2025 at 23:32 IST