अपडेटेड 20 January 2025 at 16:21 IST
RG Kar Case Verdict: संजय रॉय फांसी की सजा से बचा तो TMC पर बरसी BJP, पूनावाला ने कहा- केस कमजोर करने के लिए बहुत...
BJP नेताओं का गुस्सा इस फैसले को लेकर TMC पर फूट रहा है। उनका कहना है कि मामले में बहुत सारे सबूत नष्ट किए गए हैं।
- भारत
- 3 min read
RG Kar Case Verdict: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत पर कोर्ट का फैसला आखिरकार आ गया। कोलकाता के सियालहट कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को रेप और मर्डर मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। CBI ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस बताते हुए फांसी की सजा की मांग की थी। लेकिन जज ने कहा कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है। इसके बाद आरोपी पर 50 हजार का जुर्माना लगाते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुना दी।
आरजी कर मामले में सियालहट कोर्ट का यह फैसला आते ही इस पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। खुद CM ममता बनर्जी कह रही हैं कि वो इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। वहीं, BJP नेताओं का गुस्सा इस फैसले को लेकर TMC पर फूट रहा है। उनका कहना है कि मामले में बहुत सारे सबूत नष्ट किए गए हैं।
शहजाद पूनावाला का TMC पर फूटा गुस्सा
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कोर्ट के फैसले पर TMC और CM ममता बनर्जी को घेरा। उन्होंने कहा है कि फैसला तो आ गया, लेकिन पूरे न्याय का अब भी इंतजार है। जब सीबीआई ने इस मामले में कदम उठाया तो पश्चिम बंगाल पुलिस ने मामले को कमजोर करने के लिए बहुत सारे सबूत नष्ट कर दिए थे। पहले दिन से TMC ने बलात्कारी बचाओ, सबूत मिटाओ, अपराधि बचाओ... इस पर काम किया। यहां तक कि माता-पिता और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि TMC की सरकार में पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक हो गया है- संदेशखाली से आरजी कार तक... पैटर्न स्पष्ट है। TMC बलात्कारियों का बचाव करती है। पूरे न्याय का अब भी इंतजार है। केस के क्लोजर का इंतजार है। TMC के लोगों-मंत्रियों और CM को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
Advertisement
अमित मालवीय ने भी CM ममता को घेरा
वहीं BJP IT सेल के हेड अमित मालवीय ने इस फैसले पर कहा कि आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी संजय रॉय को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा... यह न्याय का मजाक है। फैसले के खिलाफ अपील की जानी चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपराधी को बचाना बंद करना चाहिए। एजेंसियों को सबूतों को नष्ट करने में तत्कालीन कोलकाता कमिश्नर और मुख्यमंत्री की भूमिका की भी जांच करने की जरूरत है।
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। देशभर में इंसाफ की मांग उठी और लोग सड़कों पर उतर आए। लंबे समय तक पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन हुए थे। इस जघन्य कांड के 164 दिन बाद सियालदह कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है।
Advertisement
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 20 January 2025 at 16:21 IST