अपडेटेड 25 November 2023 at 07:00 IST

Shani Dev Ke Naam: पाना है शनिदेव का आशीर्वाद तो करें भगवान शनि के इन 108 नामों का जाप

Shani Dev Ke 108 Naam: अगर आप चाहते हैं कि शनिदेव की कृपा सदैव आप पर बनी रहे तो आपको उनके 108 नामों का जाप करना चाहिए।

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शनिदेव के 108 नाम (फोटो : Shutterstock)
शनिदेव के 108 नाम (फोटो : Shutterstock) | Image: self

Shani Dev Ke 108 Naam: हिंदू धर्म में शनिदेव का स्थान बेहद खास है। शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा करने का विधान है। पुराणों में शनि देव को धर्मराज और न्याय का देवता माना गया है। शनिदेव को कर्मफल दाता भी कहा जाता है क्योंकि शनिदेव व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार उन्हें फल देते हैं। 

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  • क्या आप जानते हैं शनिदेव के 108 नाम?
  • शनिदेव के 108 नामों का करें जाप
  • शनि देव हो जाएंगे खुश!

वहीं, अगर कोई व्यक्ति शनिवार के दिन श्रद्धाभाव के साथ भगवान शनि की पूजा करता है तो भगवान उसकी हर मनोकामना पूरी कर उस पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। मान्यता है कि शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीया जलाकर अगर शनिदेव के 108 नामों का जाप किया जाए तो भगवान प्रसन्न होकर भक्त को अपना आशीर्वाद देते हैं। 

अगर आप भी चाहते हैं कि आपके सारे दुखों का नाश हो जाए और घर में सुख-समृद्धि बनी रहे तो आपको ये उपाय जरूर करना चाहिए। इतना ही नहीं अगर आपके किसी भी काम में अड़चनें आ रही हैं तो ये उपाय करके आपकी हर परेशानी दूर हो जाएगी और आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे। आइए जानते हैं कि आपको भगवान शनिदेव के किन 108 नामों का जाप करना है। 

ये हैं शनिदेव के 108 नाम

  1. शनैश्चर 
  2. शांत 
  3. सर्वाभीष्टप्रदायिन् 
  4. शरण्य 
  5. वरेण्य 
  6. सर्वेश 
  7. सौम्य 
  8. सुरवन्द्य 
  9. सुरलोकविहारिण् 
  10. सुखासनोपविष्ट 
  11. सुन्दर 
  12. घन 
  13. घनरूप 
  14. घनाभरणधारिण् 
  15. घनसारविलेप 
  16. खद्योत 
  17. मंद 
  18. मंदचेष्ट 
  19. महनीयगुणात्मन् 
  20. मर्त्यपावनपद 
  21. महेश 
  22. छायापुत्र 
  23. शर्व 
  24. शततूणीरधारिण् 
  25. चरस्थिरस्वभाव 
  26. अचञ्चल 
  27. नीलवर्ण 
  28. नित्य 
  29. नीलाञ्जननिभ 
  30. नीलाम्बरविभूषण 
  31. निश्चल 
  32. वैद्य 
  33. विधिरूप 
  34. विरोधाधारभूमि 
  35. भेदास्पद स्वभाव 
  36. वज्रदेह 
  37. वैराग्यद 
  38. वीर 
  39. वीतरोगभय 
  40. विपत्परम्परेश 
  41. विश्ववंद्य 
  42. गृध्नवाह 
  43. गूढ़ 
  44. कूर्मांग 
  45. कुरूपिण् 
  46. कुत्सित 
  47. गुणाढ्य 
  48. गोचर 
  49. अविद्यामूलनाश 
  50. विद्याविद्यास्वरूपिण् 
  51. आयुष्यकारण 
  52. आपदुद्धर्त्र 
  53. विष्णुभक्त 
  54. वशिन् 
  55. विविधागमवेदिन् 
  56. विधिस्तुत्य 
  57. वंद्य 
  58. विरुपाक्ष 
  59. वरिष्ठ 
  60. गरिष्ठ 
  61. वज्रांगकुशधर 
  62. वरदाभयहस्त 
  63. वामन 
  64. ज्येष्ठापत्नीसमेत 
  65. श्रेष्ठ 
  66. मितभाषिण् 
  67. कष्टौघनाशकर्त्र 
  68. पुष्टिद 
  69. स्तुत्य 
  70. स्तोत्रगम्य 
  71. भक्तिवश्य 
  72. भानु 
  73. भानुपुत्र 
  74. भव्य 
  75. पावन 
  76. धनुर्मण्डलसंस्था 
  77. धनदा 
  78. धनुष्मत् 
  79. तनुप्रकाशदेह 
  80. तामस 
  81. अशेषजनवंद्य 
  82. विशेषफलदायिन् 
  83. वशीकृतजनेश 
  84. पशूनांपति 
  85. खेचर 
  86. घननीलांबर 
  87. काठिन्यमानस 
  88. आर्यगणस्तुत्य 
  89. नीलच्छत्र 
  90. नित्य 
  91. निर्गुण 
  92. गुणात्मन् 
  93. निंद्य 
  94. वंदनीय 
  95. धीर 
  96. दिव्यदेह 
  97. दीनार्तिहरण 
  98. दैन्यनाशकराय 
  99. आर्यजनगण्य 
  100. क्रूर 
  101. क्रूरचेष्ट 
  102. कामक्रोधकर 
  103. कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारण 
  104. परिपोषितभक्त 
  105. परभीतिहर 
  106. भक्तसंघमनोऽभीष्टफलद 
  107. निरामय 
  108. शनि

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

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Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 25 November 2023 at 06:59 IST