अपडेटेड 27 June 2024 at 14:07 IST
फिर लौटी सेंगोल की सियासत, INDI ने की हटाने की मांग तो जीतन राम मांझी बोले- PM मोदी ने जो किया...
सेंगोल को लेकर फिर सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष लामबंद हो इसे हटाने की मांग कर रहा है तो एनडीए समर्थक दलों ने इसे बेबुनियाद करार दिया है।

Sengol Row: लोकसभा चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र चल रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 जून को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इसके बाद से ही विपक्ष ने सेंगोल पर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। हालांकि इसकी नींव कुछ घंटों पहले सपा के आरके चौधरी ने रख दी थी। उन्होंने कहा था कि संविधान महत्वपूर्ण है राज दण्ड नहीं।
उनके इस बयान के सामने आते ही विरोध शुरू हो गया। बीजेपी ने पलटवार किया। पार्टी सांसद ने कहा इसे कोई हटा नहीं सकता।
जयंत बोले कोई मतलब नहीं, मांझी बोले पीएम ने सही किया
सेनगोल पर सपा सांसद आर.के. चौधरी की टिप्पणी पर केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा, "उन्होंने क्या सोचा है कि रोज कुछ ऐसी बात बोलें जिससे हम चर्चा में आ जाएं। इन बातों का कोई अर्थ नहीं है।" तो वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा- पीएम मोदी ने जो किया है सही किया है। इसे (सेंगोल) रहना चाहिए।"
कोई हटा नहीं सकता- बीजेपी सांसद
बीजेपी के लोकसभा सांसद खगेन मुर्मू ने आरके चौधरी के बयान का जमकर विरोध किया। उन्होंने कहा- इन लोगों को कोई दूसरा काम नहीं है। इन्होंने संविधान के बारे में गुमराह किया है। ये लोग संविधान को मानते ही नहीं। पीएम मोदी संविधान को काफी सम्मान करते हैं। वहीं, एसपी नेता के बयान पर बीजेपी सांसद महेश जेठमलानी ने कहा कि सेंगोल राष्ट्र का प्रतीक है। सेंगोल को स्थापित किया गया था, उसको अब कोई नहीं हटा सकता।
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क्या बोले थे आरके चौधरी?
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद आरके चौधरी ने कहा- संविधान महत्वपूर्ण है, लोकतंत्र का प्रतीक है...अपने पिछले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने संसद में 'सेंगोल' स्थापित किया. 'सेंगोल' का अर्थ है 'राज-दंड', इसका अर्थ 'राजा का डंडा' भी होता है... रियासती व्यवस्था को खत्म करके देश आजाद हुआ... देश 'राजा के डंडे' से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए संसद से सेंगोल को हटाया जाए।
वहीं, कांग्रेस भी सपा के साथ खड़ी दिख रही है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि बीजेपी ने अपनी मर्जी से सेंगोल लगा दिया। सपा की मांग गलत नहीं है। सदन तो सबको साथ लेकर चलती है।
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आजादी से जुड़ा है सेंगोल
आजादी के दौरान तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर सेंगोल सौंपा गया था। वहीं, प्राचीन इतिहास के मुताबिक सेंगोल के सूत्र चोल राज शासन से जुड़ते हैं, जहां सत्ता का उत्तराधिकार सौंपते हुए पूर्व राजा, नए बने राजा को सेंगोल सौंपता था। यह सेंगोल राज्य का उत्तराधिकार सौंपे जाने का जीता-जागता प्रमाण होता था। नई संसद में प्रवेश के दौरान भी इसे लेकर विपक्ष ने काफी सवाल खड़े किए थे।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 27 June 2024 at 13:59 IST