अपडेटेड 19 February 2025 at 07:27 IST
'सनातन के प्रति उनकी मानसिकता...', महाकुंभ को मृत्यु कुंभ बताने पर भड़का संत समाज, ममता बनर्जी से की माफी की मांग
सीएम ममता बनर्जी ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने मंगलवार को महाकुंभ को मृत्यु कुंभ बताया। अब इसे लेकर संत समाज का गुस्सा फूट पड़ा है।
- भारत
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Mamata Banerjee : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने मंगलवार को महाकुंभ को मृत्यु कुंभ बताया। अब इसे लेकर संत समाज का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री बनर्जी के बयान को सनातन धर्म और महाकुंभ की पवित्रता का अपमान बताते हुए उनसे अपने शब्दों के लिए माफी मांगने की मांग की है।
दरअसल, 18 फरवरी को ममता बनर्जी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को लेकर विधानसभा में सीएम योगी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये महाकुंभ नहीं मृत्यु कुंभ है। इसी दौरान उन्होंने सरकार पर सही व्यवस्था नहीं करने का आरोप लगाया। अब उनके मृत्यु कुंभ वाले बयान को लेकर संत समाज ने आक्रोश जाहिर किया है।
ऐसा बयान देना शोभा नहीं देता- महंत जमुना
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के राष्ट्रीय सचिव महंत जमुना पुरी जी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ममता बनर्जी जिस जिम्मेदार पद पर हैं वहां से ऐसा बयान देना उन्हें शोभा नहीं देता। वह कहते हैं, 'प्रयागराज महाकुंभ अमृत पर्व है, जिसकी दिव्यता और भव्यता पूरे दुनिया ने देखी है। ममता बनर्जी को महाकुंभ के नाम के साथ इस तरह के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।'
अरुण गिरी ने भी CM के बयान की कड़ी आलोचना की
वहीं पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी ने ममता बनर्जी के बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल हिंदू सनातनियों के लिए मृत्यु प्रदेश बनता जा रहा है। बंगाल में हजारों सनातनियों का नरसंहार हो रहा है। चुनाव के वक्त ऐसी नौबत आ जाती है कि लाखों हिंदुओं को पलायन करना पड़ जाता है।
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अरुण गिरी ने कहा, 'ममता बनर्जी को यूपी की नहीं बल्कि अपने प्रदेश की चिंता करनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को दुनियाभर में पहचान दिलाई और भव्य आयोजन से नया इतिहास रचा।'
महंत राजेंद्र दास ने बताया सनातन धर्म का अपमान
निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने ममता बनर्जी के बयान को सनातन धर्म का अपमान बताया। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रयागराज महाकुंभ ने सनातन की दिव्यता को शीर्ष पर स्थापित किया है। ममता बनर्जी महाकुंभ का आकलन नहीं कर सकतीं क्योंकि उन्होंने हमेशा सनातन और उसके प्रतीकों का अपमान किया है। ऐसे बयान देकर वह भी अरविंद केजरीवाल की राह पर चल रही हैं। उनका भी वही हश्र होगा।
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ये बयान उनकी मानसिकता को दर्शाता है- महामंडलेश्वर दास
महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ममता बनर्जी का बयान सनातन धर्म के खिलाफ उनकी मानसिकता को दर्शाता है। ममता बनर्जी हमेशा सनातन का विरोध करती आई हैं। वह बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती हैं।
महंत राजू दास ने की माफी की मांग
इसके अलावा अयोध्या हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने ममता बनर्जी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को अपने शब्दों के लिए माफी मांगनी चाहिए।
इसी तरह अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज ममता बनर्जी के बयान की कड़ी निंदा करता है। महाकुंभ सनातन संस्कृति और श्रद्धा का प्रतीक है। जबकि स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने कहा कि ममता बनर्जी को खुद प्रयागराज महाकुंभ आकर उसका अवलोकन करना चाहिए। जिस महाकुंभ में 50 करोड़ से ज्यादा सनातनियों ने पुण्य अर्जित कर दिव्य अनुभूति की उसे मौत का कुंभ कहना अत्यंत निंदनीय है।
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने बीते दिन हाल ही में हुई भगदड़ की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यह मृत्यु कुंभ है। मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन कोई योजना नहीं है। कितने लोग बरामद हुए हैं? अमीरों, वीआईपी लोगों के लिए 1 लाख रुपये तक के कैंप (टेंट) पाने की व्यवस्था उपलब्ध है। गरीबों के लिए कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है। मेले में भगदड़ की स्थिति आम है, लेकिन व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है। आपने क्या योजना बनाई है?
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 19 February 2025 at 07:21 IST