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Published 23:29 IST, November 26th 2024

वक्फ कानून की धारा 52ए का कोई पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं है: केरल उच्च न्यायालय

केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि वक्फ कानून की धारा 52ए का पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं है।

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Kerala High Court
Kerala High Court | Image: Social media

केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि वक्फ कानून की धारा 52ए का पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं है। वक्फ कानून की यह धारा नवंबर 2013 में लागू हुई और वक्फ बोर्ड की मंजूरी के बिना वक्फ संपत्ति के हस्तांतरण को दंडनीय बनाती है। न्यायमूर्ति पी वी कुन्हिकृष्णन का फैसला उन दो व्यक्तियों की याचिका पर आया, जिसमें उन्होंने केरल राज्य वक्फ बोर्ड की एक शिकायत पर वक्फ अधिनियम की धारा 52 ए के तहत अपने खिलाफ शुरू किए गए मुकदमे को चुनौती दी है।

बोर्ड ने आरोप लगाया था कि दोनों व्यक्तियों ने कोझिकोड निगम की सीमा के भीतर चेरिया चकलाथोप्पा थरावद वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत और अवैध कब्जा कर रखा था।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अधिनियम की धारा 52ए के तहत किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने के लिए इस बात का सबूत होना चाहिए कि आरोपी ने बोर्ड की पूर्व मंजूरी के बिना किसी चल या अचल संपत्ति का हस्तांतरण किया या खरीदा या कब्जा कर लिया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियुक्तों (याचिकाकर्ताओं) द्वारा कोई हस्तांतरण नहीं किया गया है और ना ही याचिकाकर्ताओं द्वारा वक्फ संपत्ति की कोई खरीद की गई है। अदालत ने कहा कि इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि याचिकाकर्ताओं द्वारा अधिनियम की धारा 52ए के प्रभाव में आने के बाद वक्फ संपत्ति पर कोई कब्जा नहीं किया गया है।

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Updated 23:29 IST, November 26th 2024