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Published 14:45 IST, September 20th 2024

द्वितीयक कृषि में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की क्षमता: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि द्वितीयक कृषि (सेकेंडरी एग्रीकल्चर) ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकती है और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से अपशिष्ट को संपदा में बदलने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

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'Need To Change The Way We Look At Women': President Murmu
'Need To Change The Way We Look At Women': President Murmu | Image: PTI

रांची, 20 सितंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि द्वितीयक कृषि (सेकेंडरी एग्रीकल्चर) ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकती है और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से अपशिष्ट को संपदा में बदलने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने यहां आईसीएआर-राष्ट्रीय द्वितीयक कृषि संस्थान (एनआईएसए) के शताब्दी समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा, ‘‘द्वितीयक कृषि में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की क्षमता है। आईसीएआर को किसानों की आय बढ़ाने के इस लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहिए।’’

भारतीय लाख की निर्यात क्षमता पर प्रकाश डालते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि देश के कुल लाख उत्पादन में झारखंड की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत है।

उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा, ‘‘भारत के कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक लाख उत्पादन झारखंड में होता है। भारत में लाख का उत्पादन मुख्य रूप से जनजातीय समाज द्वारा किया जाता है। यह जनजातीय समाज की आय का एक महत्वपूर्ण साधन है।’’

मुर्मू ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की भूमि पर आना उनके लिए तीर्थयात्रा जैसा लगता है। उनका कहना था, ‘‘मेरा झारखंड से विशेष लगाव है। भगवान बिरसा मुंडा की पवित्र धरती झारखंड आना मेरे लिए तीर्थ यात्रा के समान है। यहां के लोगों से मुझे बहुत स्नेह मिलता है। राज्यपाल के तौर पर मैंने कई वर्ष यहां जनसेवा का कार्य किया है।’’ इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल संतोष गंगवार और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और संजय सेठ मौजूद थे।

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Updated 14:45 IST, September 20th 2024