अपडेटेड 10 July 2023 at 09:01 IST
Sawan 2023: सावन का पहला सोमवार आज, भगवान शिव को करना चाहते हैं प्रसन्न तो ऐसे करें जलाभिषेक, मिलेगा मनचाहा फल
शिव की आराधना के लिए वैस तो कई नियम होते हैं, मगर रुद्राभिषेक या जलाभिषेक को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
- भारत
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Sawan 2023: आज सावन का पहला सोमवार है। पहले सोमवार पर देश भर के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं। सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का खास महत्व होता है। वैसे तो पूरे सावन महीने में ही भगवान शिव की विशेष पूजा होती है, मगर सोमवार को पूजा का खास ही महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।
स्टोरी में आगे पढ़ें:
- कैसे करें शिवलिंग पर जलाभिषेक
- सावन के पहले सोमवार पर जलाभिषेक का विशेष महत्व
- सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा
शिवलिंग का जलाभिषेक
सावन में सोमवार के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने और व्रत रखने से भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती का भी आर्शिवाद प्राप्त होता है। शिव की आराधना के लिए वैसे तो कई नियम होते हैं, मगर रुद्राभिषेक या जलाभिषेक को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में जलाभिषेक को विधि पूर्वक करने से ही मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। तो आईए जानते हैं कि कैसे शिवलिंग पर जलाभिषेक करें कि मनचाहे फल की प्राप्ति हो।
जलाभिषेक करने के लिए सही दिशा
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए दिशा का विशेष महत्व होता है। जलाभिषेक करते समय हमेशा आपको दक्षिण दिशा की ओर खड़े होने चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपका मुख उत्तर दिशा की ओर होगा और उत्तर दिशा देवी-देवता की दिशा होती है। इसके साथ ही इस बात की भी ध्यान रखना चाहिए कि शिवलिंग का जलाभिषेक बैठकर या झुककर करें,कभी भी सीधे खड़े होकर शिवलिंग का जलाभिषेक नहीं करना चाहिए।
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शिवलिंग की परिक्रमा विधि
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए कभी बी तांबे,स्टील के लोटे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए चांदी और कांसे के लोटे का प्रयोग ही शुभ माना जाता है। एक चीज का और विशेष ध्यान रखना चाहिए की शिवलिंग पर जल अर्पित करने के तुरंत बाद शिवलिंग की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि शिवलिंग पर जो जल अर्पित किया जाता है वह पवित्र हो जाता है तो ऐसे में जल को लांघना अशुभ होता है। आप चाहें तो मंदिर की परिक्रमा कर सकते हैं।
शिवलिंग का जलाभिषेक गंगा जल से करने का विशेष महत्व होता है। इसके बाद शिवलिंग पर पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और बेलपत्र अर्पित करें। इसके साथ ही शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन चावल भी चढ़ाएं। भगवान शिव मां पार्वती और गणेश जी की पूजा करें और भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक जलाएं। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें और आखिर में आरती करते भगवान को उनका पसंदीदा भोग लगाएं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 10 July 2023 at 08:58 IST

