अपडेटेड 6 July 2023 at 08:01 IST

Sawan Shivratri 2023: इस सावन कब हैं शिवरात्रि, जानें कब चढ़ेगा भोले को जल, क्या है इसका महत्व?

सावन महीने में पूजा-पाठ और व्रत का जितना महत्व माना जाता है उससे कहीं ज्यादा खास शिवरात्रि पर भोले को जल चढ़ाना होता है। आइए जानते हैं इस सावन कब है शिवरात्रि और इसका महत्व।

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Sawan Shivratri 2023 Date
Sawan Shivratri 2023 Date | Image: self

Sawan Shivratri 2023 Date: भगवान शिव को समर्पित सावन का महीना 4 जुलाई 2023 को शुरू हो चुका है। इसी के साथ भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ करने से लेकर कांवड़ यात्रा तक निकालते हैं। सावन महीने की शुरूआत के साथ ही इस साल की कांवड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है। कांवड़ियां कांवड़ में लाए गए गंगाजल से सावन की शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं, जिसके बाद उनकी ये यात्रा पूरी होती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस सावन की शिवरात्रि कब पड़ रही है और इसका महत्व क्या है? 

  • कब है इस साल सावन की शिवरात्रि?
  • सावन की शिवरात्रि का क्या है महत्व?
  • सावन की शिवरात्रि पर क्या होता है?

सावन की शिवरात्रि पर क्या होता है?

सबसे पहले हम जाते हैं कि सावन की शिवरात्रि पर होता क्या है। बता दें कि सावन की शुरूआत के साथ ही भोले के भक्त अपने आराध्य को खुश करने के लिए कांवड़ यात्रा निकालते हैं। इस यात्रा के दौरान वह हरिद्वार पहुंचते हैं और वहां से गंगाजल भरकर लेकर अपने-अपने राज्यों में निकल जाते हैं और वहां शिवलिंग पर उसी गंगाजल से अभिषेक करते हैं जिसके बाद उनकी कांवड़ यात्रा पूरी होती है।  

कब है इस साल सावन की शिवरात्रि?

सावन का महीना बेहद ही खास और भोले को प्रिय है, वहीं सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। ये वही दिन है जिस भी कांवड़ियां भोले का गंगाजल से अभिषेक करते हैं। इस बार ये तिथि 15 जुलाई 2023 को पड़ रही है। बता दें कि शिवरात्रि 15 तारिख की शाम को 8 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और 16 जुलाई को रात 10 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 15 जुलाई को सावन की शिवरात्रि मनाई जाएगी और इसी दिन भोलेनाथ पर गंगाजल से जलाभिषेक किया जाएगा।

सावन की शिवरात्रि का क्या है महत्व?

शिव पुराण के मुताबिक समुद्र मंथन के दौान भगवान शिव ने विष पान किया था। जब विष पीने के बाद वे असहज हो गए तो सभी देवी-देवताओं ने उनकी जलन को कम करने के लिए उन्हें जल अर्पित किया था। जिससे धीरे-धीरे भगवान शिव के शरीर से जहर का प्रभाव कम होने लगा था। बता दें कि समुद्र मंथन सावन महीने में ही हुआ था। ऐसे में सावन की शिवरात्रि के दिन अगर शिवजी को जल अर्पित किया जाता है तो व्यक्ति के सभी दुख, दोष और रोग दूर हो जाते हैं।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

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Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 6 July 2023 at 08:01 IST