अपडेटेड 8 September 2023 at 22:28 IST

Shani Dev: क्या आप भी शनिदेव को चढ़ाते हैं तेल, तो जान लें इसका नियम और महत्व

शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा है, लेकिन बहुत ही कम लोग इसके नियम के बारे में जानते हैं। आइए जानते हैं शनिदेव को कैसे तेल चढ़ाया जाता है। 

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Shani Dev Ko Tel Chadhane Ka Niyam
Shani Dev Ko Tel Chadhane Ka Niyam | Image: self

Shani Dev Ko Tel Chadhane Ka Niyam: शास्त्रों के मुताबिक शनिदेव न्याय और कर्मफल के दाता है। यह लोगों के अच्छे और बुरे कर्मों के हिसाब से फल देने का काम करते हैं। कहते हैं कि अगर इनकी कुदृष्टि किसी व्यक्ति पर पड़ जाए तो उसका जीवन परेशानियों से भर जाता है और अगर ये किसी से प्रसन्न हो जाएं तो उसके कष्टों को दूर कर देते हैं। ऐसे में शनिदेव को खुश करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं जिनमें से एक उनपर तेल चढ़ाना भी शामिल है, लेकिन बहुत कम लोग ही हैं जो जानते हैं शनिदेव को तेल चढ़ाने का नियम क्या है?   

स्टोरी में आगे ये पढ़ें...

  • शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है?
  • शनिदेव को तेल चढ़ाने का महत्व क्या है?
  • शनिदेव को तेल चढ़ाने का नियम क्या है?

शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है?

शास्त्रों के मुताबिक शनिदेव को अपनी शक्तियों और ताकत का बहुत घमंड था। वहीं दूसरी तरफ हनुमान जी की कीर्ति और बल की चर्चा चारो तरफ हो रही थी। ऐसे में शनिदेव को हनुमान के बल का गुणगान रास नहीं आया और उन्होंने हनुमान जी को युद्ध के लिए ललकारा। जिस पर पहले तो बजरंगबली ने शनिदेव को समझाया लेकिन जब वह नहीं माने तो फिर दोनों के बीच जमकर युद्ध हुआ। हनुमान जी ने शनि देव पर तीखे प्रहार किए जिसकी वजह से उनके शरीर पर काफी घाव बन गए।

दोनों के बीच हुए युद्ध में शनि देव बुरी तरह से घायल हो गए और उन्हें पीड़ा होने लगी। शनि देव की पीड़ा को देखते हुए हनुमान जी ने उन्हें सरसों का तेल लगाया जिसके बाद शनि देव को आराम मिला और कुछ समय में शनि देव का पूरा दर्द खत्म हो गया। जिसके बाद शनिदेव ने कहा कि जो भी भक्त सच्चे मन से मुझे सरसों का तेल चढ़ाएगा उसके सारे संकट दूर होंगे और तभी से शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा चल पड़ी। 

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शनिदेव को तेल चढ़ाने का महत्व क्या है?

कहा जाता है कि शनिवार को शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाने से सारे संकट दूर होते हैं। वहीं मान्यता ये भी है कि सरसों का तेल शनिदेव को चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भी मुक्ति मिलती है। इसलिए शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाने का महत्व माना जाता है। 

शनिदेव को तेल चढ़ाने का नियम क्या है?

  • अगर आप शनिदेव को तेल चढ़ाने जा रहे हैं, तो ध्यान रहे कि लोहे के पात्र से ही तेल चढ़ाएं। 
  • शनिदेव को सरसों या तिल्ली का तेल ही चढ़ाएं, क्योंकि शनिदेव को जब पीड़ा हुई थी तो हनुमान जी ने यही तेल लगाया था।
  • ध्यान रहे कि जब भी आप शनिदेव पर तेल चढ़ाएं तो आपकी नजरें उनके चरणों पर होनी चाहिए। ऐसा इसीलिए क्योंकि कहा जाता है शनि देव से आंखे नहीं मिलानी चाहिए। 
  • शनिदेव को तेल चढ़ाते समय उनसे सुख-शंति के साथ ही कृपा प्राप्ति की प्रार्थना करें और मन में किसी तरह का कोई सशंय नहीं रखें।
  • शनिदेव को तेल चढ़ाते समय पवित्रता, शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। 


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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

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Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 8 September 2023 at 22:28 IST