अपडेटेड 12 April 2024 at 10:12 IST

'संदेशखाली के पीड़ित अब बिना किसी डर के करें शिकायत', CBI ने जारी की ईमेल आईडी

CBI ने संदेशखाली पीड़ितों के लिए मेल ID बनाई है। सेक्सुअल अब्यूज की शिकार महिलाएं और वो जमीन गंवा चुके पीड़ित शामिल हैं। शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कर ली जाएगी।

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CBI for sandeshkhali victim
संदेशखाली पीड़ितों के लिए सीबीआई की मदद | Image: ANI/File

CBI Helps Sandeshkhali Victims:  संदेशखाली में यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के साथ ही वो पीड़ित जिनकी जमीन पर जबरन कब्जा जमाया गया अब ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज करा पाएंगे। सीबीआई ने मदद का हाथ बढ़ाया है। मेल ID-sandeshkhali@cbi.gov.in बनाई है। जांच एजेंसी ने ऐसा कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेशों के बाद किया।

CBI ने  गुरुवार (11 अप्रैल) को बताया कि जमीन गंवाने वाले पीड़ित इस ईमेल ID पर अपनी शिकायत भेज सकेंगे। शिकायतों के आधार पर केस दर्ज किया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से लोगों के बीच ईमेल ID के प्रचार-प्रसार करने की अपील की गई है।

कलकत्ता हाईकोर्ट की ममता सरकार को फटकार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार (10 अप्रैल) को संदेशखाली मामले में ममता सरकार (Mamata Banerjee) को फटकार लगाते हुए जांच CBI को सौंपी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- CBI उनकी निगरानी में जांच करेगी और उन्हें रिपोर्ट सौंपेगी। मामले की अगली सुनवाई अब 2 मई को होगी।

एक्शन में सीबीआई

इसके बाद ही सीबीआई ने डेडिकेटेड मेल आईडी जारी की। जिसमें कहा है कि- जिसमें दबंगों की ज्यादतियों की शिकार महिलाएं और अपनी जमीन गंवा बैठे लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसी आधार पर एफआईआर भी रजिस्टर की जा सकती है। वहीं हिदायत डीएम को भी दी गई है कि वो इसका सही प्रचार प्रसार करें।

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संदेशखाली में शाहजहां शेख की दरिंदगी के निशान

संदेशखाली में लंबे समय से टीएमसी नेता और सत्ता के दम पर दबंगई दिखाने वाले शाहजहां शेख के खिलाफ महिलाएं लामबंद हुईं। उन्होंने  शेख और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का आरोप लगाया। इस मामले में शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार आरोपी हैं। तीनों को काफी सियासी हंगामे के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

क्या पड़ेगा असर?

ममता बनर्जी सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बाद बैकफुट पर है। तमाम दलीलों के बाद भी अब राज्य की ममता बनर्जी सरकार CBI जांच पर रोक नहीं लगा पाएगी। नियमों के मुताबिक राज्य से जुड़े किसी भी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी की इन्क्वायरी के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है।

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दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को राज्य में जांच और रेड के लिए CBI को दी गई ‘सामान्य सहमति' वापस ले ली थी। उस समय चिटफंड घोटाले को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया था।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 12 April 2024 at 09:20 IST