अपडेटेड 29 February 2024 at 09:23 IST
तो क्या 55 दिन से संदेशखाली के पास ही छिपा था शाहजहां शेख? हुआ गिरफ्तार तो ममता सरकार पर उठा सवाल
कोर्ट की दखलअंदाजी, फटकार और महिलाओं के सड़क पर उतरने के बाद उत्तर 24 परगना से पुलिस ने TMC नेता और संदेशखाली के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया।

Sandeshkhali Main Accused Arrested: संदेशखाली कांड का मुख्य आरोपी शाहजहां शेख गिरफ्तार कर लिया गया। पश्चिम बंगाल पुलिस ने उसे संदेशखाली के करीब ही उत्तर 24 परगना से शिकंजे में लिया। आज ईडी ने भी उसे पेशी का समन जारी किया था।
ये गिरफ्तारी सवालों के घेरे में है क्योंकि ईडी टीम पर हमले के बाद फरार हुआ शाहजहां 55 दिन बाद पकड़ा गया। वो भी कलकत्ता हाईकोर्ट की कड़ी फटकार के बाद।
कहां से कब पकड़ा गया शाहजहां?
पुलिस ने शाहजहां को 29 फरवरी तड़के 3 बजे सरबेरिया इलाके से उठाया। उसके बाद सुबह करीब पांच बजे बशीरहाट में पुलिस लॉकअप में लाया गया। सूत्रों की मानें तो बंगाल पुलिस उसे आज ही कोर्ट में पेश करेगी। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर इसकी हकीकत बताई। दावा किया कि उसे एक दिन पहले ही पकड़ लिया गया था। उन्होंने लिखा- संदेशखाली का बदमाश शेख शाहजहाँ कल रात 12 बजे से ममता पुलिस की सुरक्षित हिरासत में है। प्रभावशाली मध्यस्थों के माध्यम से ममता पुलिस के साथ एक समझौते पर बातचीत करने में कामयाब होने के बाद, उसे बरमजुर - II ग्राम पंचायत क्षेत्र से दूर ले जाया गया…पुलिस और न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान उनकी उचित देखभाल की जाएगी। सलाखों के पीछे रहने के दौरान उसे 5 सितारा सुविधाएं दी जाएंगी और एक मोबाइल फोन तक उसकी पहुंच होगी, जिसके माध्यम से वह वस्तुतः तोलामूल पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम होगा…यहां तक कि वुडबर्न वार्ड में एक बिस्तर भी उसके लिए तैयार और खाली रखा जाएगा यदि वह वहां कुछ समय बिताना चाहता है।
टीएमसी का दबंग नेता
शाहजहां शेख की पहचान ममता बनर्जी के करीबी और टीएमसी के दबंग और प्रभावशाली नेता के तौर पर है। वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है। पहली बार उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी। उस समय उसने और उसके गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर फरार हो गया था। 55 दिन बाद जब लगातार कोर्ट की ओर से फटकार और अल्टीमेटम मिला तो आखिरकार नींद से जागी पश्चिम बंगाल पुलिस एक्शन में आई। लेकिन ये गिरफ्तारी सवालों के घेरे में है!
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संदेशखाली का गुनाहगार
फरार शेख पर संदेशखाली के पीड़ितों ने बड़े आरोप लगाए। महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए। कहा कि सुंदर हिंदू लड़कियों और महिलाओं को उठा कर वो ले जाते हैं और स्थानीय टीएमसी दफ्तर में उनके साथ ज्यादती कर छोड़ जाते हैं।
इस मामले को लेकर सियासी बवाल भी मचा। बीजेपी ने ममता सरकार के लापरवाह नीतियों पर प्रहार किया और उनके खिलाफ जमकर विरोध किया। संदेशखाली में धारा 144 लगाकर नेताओं को जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया और ममता सरकार पर दबाव बनाया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो।
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पुलिस पर क्या था दबाव?
55 दिन से संदेशखाली के बगल में ही छुपा मुख्य आरोपी पकड़ा गया। अंधेरे में। अब इसे लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसे ड्रामा करार दिया है। ट्वीट कर डील की बात कही है। सवाल लाजिमी उठते हैं कि आखिर कोर्ट को क्यों एक्शन में आना पड़ा? बंगाल पुलिस ने गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां पर हाथ डालने में देरी क्यों की? क्या उसे कानूनी दांवपेच को लेकर पूरी तैयारी का मौका दिया गया?
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 29 February 2024 at 07:48 IST