अपडेटेड 9 November 2024 at 21:21 IST

हिमाचल में गर्मायी समोसा राजनीति, भाजपा विधायक ने सुक्खू के लिए 11समोसे ऑनलाइन आर्डर किये

हिमाचल प्रदेश में समोसा राजनीति के गर्माने के साथ ही एक भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए 11 समोसे ‘ऑनलाइन आर्डर’ किये हैं।

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himachal pradesh cm sukhvinder singh sukhu samosa-cake matter
himachal pradesh cm sukhvinder singh sukhu samosa-cake matter | Image: PTI/Shutterstock

हिमाचल प्रदेश में समोसा राजनीति के गर्माने के साथ ही एक भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए 11 समोसे ‘ऑनलाइन आर्डर’ किये हैं। एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के लिए मंगाये गये समोसे चूकवश उनके सुरक्षाकर्मियों को खिला दिए जाने की घटना की सीआईडी जांच को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए हमीरपुर के भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की।

वैसे कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसी किसी जांच का आदेश नहीं दिया है और यह सीआईडी की अंदरूनी मामला हो सकता है। एक शीर्ष सीआईडी अधिकारी ने भी कहा कि इस घटना की औपचारिक जांच का आदेश नहीं दिया गया है।

शर्मा ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘‘राज्य पहले ही बेरोजगारी, वित्तीय संकट, कर्मचारियों की पेंशन में देरी और डीए भत्ते के बकाया जैसी समस्याओं से जूझ रहा है , ऐसे समय में मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए लाये गये समोसे पर सीआईडी ​​जांच के आदेश देना बेहद निराशाजनक है।’’

भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने CM सुक्खू के लिए भेजे समोसे

उन्होंने कहा कि जब इस पर्वतीय राज्य के लोग अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं तब सरकार को ऐसे छोटे मामलों के बजाय असली मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।

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उन्होंने कहा, ‘‘ इसी के विरूद्ध मैंने मुख्यमंत्री को 11 समोसे भेजे हैं ताकि मैं उन्हें याद दिला सकूं कि लोगों की असली समस्याओं का हल करना अधिक जरूरी है।’’

शिमला में 21 अक्टूबर को सुक्खू सीआईडी ​​मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे जहां उनके लिए लाये गये समोसे और केक उनके कर्मचारियों को परोस दिये गये थे। इसके बाद सीआईडी ​​अधिकारियों ने इस मामले की जांच का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने टिप्पणी की कि यह कृत्य सरकार और सीआईडी ​​विरोधी है।

धर्मशाला के भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार ने देश में हिमाचल प्रदेश को हास्यास्पद बना दिया है। दोनों ही विधायक सुक्खू के मुखर आलोचक जाने जाते हैं। ये दोनों कांग्रेस के बागियों एवं निर्दलीय विधायकों समेत उन विधायक में शामिल थे जिन्होंने इस साल के प्रारंभ में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विरूद्ध वोट डाला था। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गये एवं उपचुनाव जीत गये।

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प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष और कांगड़ा से सांसद राजीव भारद्वाज ने पूछा कि समोसे के साथ डिब्बे में ऐसा क्या था, जिसके कारण सरकार को जांच के आदेश देने पड़े।

भाजयुमो शिमला में समोसे बांटे 

भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की प्रदेश इकाई ने शनिवार को शिमला में समोसे बांटे तथा गंभीर मामलों की अनदेखी करने एवं मामूली विषयों की जांच कराने को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाये।

प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कि लोग सरकार से नाखुश हैं, शिक्षित एवं बेराजगार युवाओं के पास नौकरियां नहीं हैं लेकिन सीआईडी (मुख्यमंत्री को) समोसे नहीं परोसे जाने की जांच कर रही है।

प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी करण नंदा ने सरकार को सभी मोर्चों पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘देवभूमि’ के रूप में चर्चित हिमाचल प्रदेश अब शौचालय कर, मालढुलाई कर और समोसे की जांच जैसे गलत वजहों से खबरों में है।

भाजपा राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने पर तुली है- कांग्रेस

दूसरी तरफ कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर मुख्यमंत्री को बस राजनीतिक रूप से परेशान करने के लिए इस विवाद को उठाने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने पर तुली हुई है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसी किसी जांच का आदेश नहीं दिया है और यह सीआईडी ​​का आंतरिक मामला हो सकता है, एजेंसी ने भी यही रुख अपनाया है।

शुक्रवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि जांच समोसे के बारे में नहीं थी जैसा कि मीडिया ने पेश किया है, बल्कि यह अधिकारियों के ‘खराब आचरण’ का पता लगाने के लिए थी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे को लेकर उन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमले को भी ‘बचकाना’ करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही भाजपा कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का अभियान चला रही है।

सीआईडी ​​महानिदेशक रंजन ओझा ने कल कहा था, ‘‘न तो हमने कोई नोटिस जारी किया है और न ही कोई स्पष्टीकरण मांगा है। मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। हमने केवल स्पष्टीकरण मांगा कि क्या हुआ था और एक लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। हमारा किसी के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई इरादा नहीं है।’’

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 9 November 2024 at 21:21 IST