अपडेटेड 12 January 2022 at 23:34 IST
ISRO New Chief: एस सोमनाथ बने इसरो के नए चीफ; जानें वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक के बारे में सब कुछ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अगले प्रमुख वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक एस।के। एस सोमनाथ को केंद्र सरकार ने बुधवार को नियुक्त कर दिया है।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अगले प्रमुख वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक एस।के। एस सोमनाथ को केंद्र सरकार ने बुधवार को नियुक्त कर दिया है। बता दें कि सोमनाथ फिलहाल में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक हैं। कार्मिक मंत्रालय के आदेश के अनुसार उन्हें तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था। सोमनाथ ने के। सिवन (के। सिवन) की जगह ली है। साथ ही के सिवन का कार्यकाल शुक्रवार 14 जनवरी को समाप्त हो रहा है।
सोमनाथ अपने करियर की शुरुआत में पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के एकीकरण के लिए टीम लीडर थे। उन्हें तीन साल की अवधि के लिए अंतरिक्ष विभाग का सचिव और अंतरिक्ष आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इसके बाद वह 22 जनवरी, 2018 से विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक पद का नेतृत्व कर रहे हैं।
GoI appoints S. Somanath to the post of Secretary, Department of Space and Chairman, Space Commission (ISRO) for a combined tenure of three years from the date of joining of the post... pic.twitter.com/Tq20WUQILD
— ANI (@ANI) January 12, 2022
एस सोमनाथ, देश के बेहतरीन रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर हैं। उन्हें भारत के सबसे ताकतवर स्पेस रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 लॉन्चर के विकास कार्य का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों में गिना जाता है। एस सोमनाथ ने अपने कॅरियर की शुरुआत पोलर सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (पीएसएलवी) के विकास कार्यों में भी अहम भूमिका निभाई थी।
कौन हैं एस सोमनाथ?
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एस सोमनाथ ने केरल के एर्नाकुलम से महाराजा कॉलेज से प्री-डिग्री प्रोग्राम पूरा करने के बाद केरल विश्वविद्यालय के क्विलॉन स्थित टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। इसके बाद उन्होंने आईआईएससी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने रॉकेट डायनेमिक्स और कंट्रोल पर विशेषज्ञता हासिल की है। उन्होंने स्वदेशी क्रायोजेनिक चरणों के साथ जीएसएलवी के तीन सफल मिशनों और एलपीएससी के साथ पीएसएलवी के ग्यारह सफल मिशनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे 1985 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में शामिल हुए थे। वे जून 2010 से 2014 तक जीएसएलवी एमके- III के परियोजना निदेशक थे। वे नवंबर 2014 तक वीएसएससी में ‘स्ट्रक्चर’ इकाई के उप निदेशक और वीएसएससी में ‘प्रणोदन और अंतरिक्ष अध्यादेश इकाई’ के उप निदेशक भी रहे चुके है।
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Published By : Priya Gandhi
पब्लिश्ड 12 January 2022 at 23:34 IST