अपडेटेड 8 April 2024 at 21:00 IST

EXCLUSIVE/ 'BJP में शामिल होने से पहले मैंने हफ्तों...', जयशंकर ने शेयर की राजनीति में एंट्री की INSIDE स्टोरी

जयशंकर ने कहा कि मेरा एक अनोखा मामला था। मैं तब मंत्री बना जब मैं संसद सदस्य नहीं था और किसी राजनीतिक दल का सदस्य भी नहीं था।

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S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर | Image: Republic

S. Jaishankar Interview: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश का सियासी तापमान इस वक्त काफी गर्म है। सभी पार्टियां चुनाव के लिए जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं। चुनावी माहौल के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रिपब्लिक के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।

रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के शो 'नेशन वांट्स टू नो' में अपनी पॉलिटिकल जर्नी के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल एक लंबा समय रहा है। ये 5 साल बहुत कठिन रहे हैं। कोविड महामारी न केवल भारी जिम्मेदारियों का समय था, बल्कि एक ऐसा समय भी था जब सभी प्रशासक लोगों को प्रेरित करने और उनका समर्थन करने के लिए उनके बीच गए थे। उन्होंने कहा कि मेरे लिए पिछले 5 साल चुनौतियों और अनुभवों से भरे रहे हैं।

'अनोखा था मेरा मामला’

एस. जयशंकर ने इस दौरान राजनीति में अपनी एंट्री की इनसाइड स्टोरी भी शेयर की। उन्होंने कहा कि मेरा एक अनोखा मामला था। मैं तब मंत्री बना जब मैं संसद सदस्य नहीं था और किसी राजनीतिक दल का सदस्य भी नहीं था। किसी ने मुझ पर राजनीति में आने के लिए दबाव नहीं डाला, उन्होंने मुझे समय दिया। इस पर विचार करने के लिए मेरे पास काफी हफ्ते थे।

‘निर्दलीय के तौर पर राज्यसभा जा सकता था…’

उ'न्होंने कहा कि मेरे पास निर्दलीय के तौर पर राज्यसभा में जाने का विकल्प था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मैंने सच में बीजेपी में शामिल होने से पहले कई हफ्तों तक इसके बारे में सोचा था। मुझे बीजेपी में आने पर सहजता महसूस हुई। मैं पार्टी की सोच के कई पहलुओं से परिचित था। मैंने कई मुद्दों पर बीजेपी के वैश्विक दृष्टिकोण से पहचान की।

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CAA पर क्या बोले जयशंकर?

इंटरव्यू के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सीएए के जरिए हम इतिहास में अपमानित लोगों को न्याय देना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सीएए में श्रीलंकाई तमिलों का जिक्र क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि श्रीलंका में तमिलों के साथ जो हो रहा था उसकी तुलना पाकिस्तान में हिंदुओं से नहीं की जा सकती। CAA के जरिए हम उन लोगों को न्याय देना चाहते हैं जिन्हें इतिहास में अपमानित किया गया।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 8 April 2024 at 20:37 IST