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Published 11:37 IST, September 8th 2024

PM मोदी का दूत बन अजीत डोभाल जाएंगे मॉस्‍को, रुकवा पाएंगे रूस-यूक्रेन का युद्ध? जानिए पूरी प्‍लानिंग

रूस-युक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने में भारत बहुत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। पीएम मोदी के बाद अब NSA अजीत डोभाल जल्द मॉस्को की यात्रा कर सकते हैं।

Reported by: Rupam Kumari
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NSA Ajit Doval
NSA Ajit Doval | Image: 'X'/ANI

Russia -Ukraine war: रूस और युक्रेन के बीच लंबे समय जारी जंग को खत्म करने में भारत अहम भूमिका निभा सकता है। इस बात की चर्चा काफी लंबे से चलती है। मगर अब रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बयान ने इस पर मुहर भी लगा दिया। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) भी लगातार रूस और युक्रेन के बीच जारी तनाव को खत्म करने की पैरवी करते आ रहे हैं। इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,राष्ट्रीय सुरक्षा सलााहकार (NSA) अजीत डोभाल जल्द ही रूस-युक्रेन विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से मॉस्को की यात्रा कर सकते हैं।


रूस और युक्रेन के बीच जंग करीब ढाई साल से जारी है। इतने लंबे समय तक चले इस युद्ध में ना जाने कितने बेकसूरों की जान चली गई। पूरी दुनिया को झकझोर देने वाले इस संघर्ष को समाप्त करने में मध्यस्थ के रूप भारत अहम भूमिका निभा सकता है। बीते दिनों पीएम मोदी ने युक्रेन और रूस दोनों देशों का दौरा करके शांति प्रयास में अहम भूमिका निभाई। अब सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, NSA अजीत डोभाल इस सप्ताह में रूस-युक्रेन विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से पीएम मोदी के दूत के रूप में मॉस्को की यात्रा कर सकते हैं।

रूस-युक्रेन जंग में भारत बनेगा मध्यस्थ

पीएम मोदी ने पिछले दो महीनों में रूस और यूक्रेन दोनों देशों का दौरा किया था और वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। इस यात्रा को दौरान युद्ध विराम पर भी चर्चा हुई थी। युक्रेन की यात्रा से वापस लौटने के बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बातचीत की थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बातचीत के दौरान इस पर भी चर्चा हुई थी कि भारत दोनों देशों के बीच स्थायी शांति लाने के लिए अपने NSA को मॉस्को भेजेगा। अब डोभाल के मॉस्को दौरे की चर्चा जोरों पर हैं। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिए बड़े संकेत

वहीं,रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को भारत का नाम उन तीन देशों में शामिल किया, जिनके साथ वह यूक्रेन संघर्ष को लेकर संपर्क में हैं और कहा है कि वे इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। वहीं, रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि भारत, यूक्रेन के साथ बातचीत को सुविधाजनक बनाने में भूमिका निभा सकता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘‘पुतिन, जेलेंस्की और अमेरिका के साथ स्वतंत्र रूप से संवाद करते हैं।

जॉर्जिया मेलोनी का पीएम मोदी को लेकर बड़ा बयान

इस बीच इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी शनिवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के समाधान में भारत और चीन भूमिका निभा सकते हैं। मेलोनी का बयान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद आया। उन्होंने कहा,मेरा मानना ​​है कि संघर्ष के समाधान में चीन और भारत की भूमिका होनी चाहिए। बता दें कि रूस और यूक्रेन की अपनी यात्रा के बाद पीएम मोदी ने शांति प्रयासों पर चर्चा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भी टेलीफोन पर बातचीत की थी।

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Updated 11:37 IST, September 8th 2024