अपडेटेड 14 July 2025 at 15:49 IST

कर्नाटक की गुफा में 2 बच्चियों के साथ कई सालों से रह रही रूसी महिला, क्या खाया, कैसे जीवित रही? सबके दिमाग में कौंध रहा एक ही सवाल

कर्नाटक की इस गुफा के भीतर पुलिस को मिलीं नीना कुटीना, उम्र लगभग 40 वर्ष, और उनकी दो बेटियां प्रेमा (6 वर्ष) और एमा (4 वर्ष) जो काफी दिनों से इसी गुफा में जीवन यापन कर रही थी। पुलिस अफसर ने बतायाा, 'हमें उन्हें ये समझाने में थोड़ा समय लगा कि वहां रहना कितना खतरनाक है।'

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कर्नाटक की गुफा में 2 बच्चियों के साथ कई सालों से रह रही रूसी महिला, क्या खाया, कैसे जीवित रही? सबके दिमाग में कौंध रहा एक ही सवाल | Image: X- @ndccomputers

Russian Women Found in Karnataka Cave: कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के एक सुदूर, घने जंगलों वाले इलाके में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। पुलिस की एक गश्ती टीम को एक गुफा के भीतर रह रही रूसी महिला और उसकी दो बच्चियां मिलीं। यह तब पता चला जब टीम को गुफा की एंट्री से करीब 700–800 मीटर नीचे कुछ कपड़े पड़े मिले, जिससे वहां किसी की मौजूदगी का संदेह हुआ। जैसे ही पुलिस ने इलाके की तलाशी शुरू की, एक विदेशी बच्ची गुफा से बाहर निकलकर जंगल की ओर दौड़ती हुई दिखाई दी। इस दृश्य ने पुलिस टीम को चौंका दिया। बच्ची को देखकर पुलिस ने तुरंत सतर्कता बरती और गुफा में पहुंचकर वहां एक रूसी महिला और उसकी दूसरी बच्ची को पाया।


पुलिस जांच में सामने आया कि यह महिला साल 2016 में बिजनेस वीज़ा पर भारत आई थी, लेकिन उसका वीज़ा लगभग आठ साल पहले ही समाप्त हो चुका है। इतने वर्षों से वह महिला देश में अवैध रूप से रह रही थी और इस गुफा को अपने परिवार के साथ ठिकाना बना रखा था। फिलहाल महिला और बच्चों को पुलिस की निगरानी में रखा गया है और उन्हें रूस वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्थानीय प्रशासन और विदेशी नागरिक प्रबंधन प्रकोष्ठ इस मामले की आगे की जांच कर रहे हैं कि महिला इतने वर्षों तक भारत में कैसे रह रही थी और क्या उसकी कोई गतिविधियां संदिग्ध थीं। यह मामला न केवल आव्रजन कानूनों, बल्कि मानव सुरक्षा और स्थानीय निगरानी व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े करता है।


खतरनाक गुफा में सहज जीवन बिता रहा था परिवार

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले की पहाड़ियों में एक गुफा में रह रही रूसी महिला और उसकी दो बेटियों का मामला अब गहराता जा रहा है। जहां एक ओर यह इलाका सांपों, भूस्खलन और जंगली खतरों से भरपूर है, वहीं दूसरी ओर यह परिवार वहां पूरी तरह से सहज और व्यवस्थित जीवन बिता रहा था। जिले के पुलिस अधीक्षक एम. नारायण ने मीडिया से बातचीत में बताया, '9 जुलाई को गुफा के पास सांप रेंगते देखे गए थे। चूंकि यह इलाका पहले ही रामतीर्थ पहाड़ियों में हुए भूस्खलन की वजह से संवेदनशील है, इसलिए हम वहां नियमित गश्त कर रहे थे।' इसी दौरान पुलिस टीम को वहां कुछ कपड़े दिखाई दिए, जिससे गुफा के भीतर किसी के होने का संदेह हुआ। जब वे आगे बढ़े, तो एक विदेशी बच्ची दौड़ती हुई गुफा से बाहर निकली, जिससे टीम चौकन्नी हो गई।


गुफा के भीतर संगठित जीवन बिता रही थीं

गुफा के भीतर पुलिस को मिलीं नीना कुटीना, उम्र लगभग 40 वर्ष, और उनकी दो बेटियां प्रेमा (6 वर्ष) और एमा (4 वर्ष) जो काफी दिनों से इसी गुफा में जीवन यापन कर रही थी। पुलिस अफसर ने बतायाा, 'हमें उन्हें ये समझाने में थोड़ा समय लगा कि वहां रहना कितना खतरनाक है।' नीना और उनकी बच्चियां हालांकि काफी आराम से और व्यवस्थित ढंग से वहां रह रही थीं। एक सप्ताह पहले ही नीना कुछ सब्जियां और राशन लेकर आई थीं और जंगल की लकड़ियों से खाना पकाने का इंतजाम कर रखा था। पुलिस को वहां से नूडल्स के पैकेट, और एक लोकप्रिय ब्रांड के सलाद का पैकेट भी मिला जिससे साफ है कि वे जंगल में भी संगठित जीवनशैली अपना रही थीं।

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8 साल पहले समाप्त हो गया था नीना का वीजा

अब जब यह पता चला है कि नीना का वीजा 8 साल पहले ही समाप्त हो चुका है, प्रशासन ने उन्हें रूस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही, यह सवाल भी उठ रहा है कि वह इतने वर्षों तक भारत में बिना वैध कागजात के कैसे रह सकीं और वह भी इतने खतरनाक और निर्जन इलाके में। यह घटना सिर्फ एक अवैध विदेशी निवास की कहानी नहीं, बल्कि एक महिला की जिजीविषा और सुरक्षा व्यवस्था की सतर्कता दोनों की मिसाल बन गई है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 14 July 2025 at 15:49 IST