अपडेटेड 8 March 2024 at 16:59 IST
YouTube के जरिए वीडियो,विदेश में मोटी सैलरी वाली नौकरी का लालच...'कबूतरबाजी' में ऐसे फंसे 180 भारतीय
रसिया में फंसे भारतीय युवकों को स्वदेश लाने की तैयारी चल रही है। इस बीच मामले की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। 180 भारतीय के रसिया में फंसने की जानकारी मिली।
- भारत
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जतिन शर्मा
इन दिनों सोशल मीडिया पर 7 भारतीयों का एक वीडियो वायरल हो रहा है, वीडियो में सभी भारतीय मोदी सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं। इनका आरोप है कि ये रूस घूमने के लिए आए थे, लेकिन इन्हें धोखे से रूसी आर्मी में भर्ती किया गया। ताकि यूक्रेन के खिलाफ ये युद्ध लड़ सकें। वीडियो वायरल होने के बाद अब इसकी जांच शुरू हो गई है। मामले की जांच CBI भी कर रही है।
इस बात की जांच हो रही है कि ये भारतीय आखिर रसिया पहुंचे कैसे। प्राइवेट वीजा कंसल्टेंसी की अलग अलग कपनियां वीडियो, यूट्यूब के माध्यम से वीडियो बनाकर उन युवाओं से कनेक्ट होते थे जो विदेश में नौकरी के इच्छुक होते है। वीडियों में युवाओं को कहा जाता है विदेशों में अलग-अलग किस्म की जॉब है, जैसे डिलीवरी बॉय, रशिया आर्मी में जॉब। मगर आर्मी में जॉब के लिए ये कहते थे कि आपको बॉर्डर ओर जाकर टैंक नही चालाना न कोई युद्ध में जाना है।
रशिया से वीडिया बनाकर देते हैं लालच
रशिया से ये वीडियो बनाकर दिखाते थे देखिए यहां सब ठीक है, हालात ठीक हैं। रशिया ने यूक्रेन के कुछ हिस्से को ले लिया है। यहां की आर्मी युद्ध क्षेत्र में है आपको वहां नहीं जाना है। बल्कि आपकी जॉब आर्मी में हेल्पर के तौर पर होगी। जैसे पेपर वर्क को संभालना, युद्ध मे ध्वस्त हुई इमारतों को खाली कराना, उनकी लिस्ट बनाना इस तरह से आर्मी में हेल्पर का काम है।
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लाखों की सैलरी का ऑफर
इनको कहा जाता था आपकी तीन महीने की ट्रेनिंग होगी, ट्रेनिंग के दौरान आपको 40,000 सैलरी मिलेगी, उसके बाद आपकी सैलरी 1 लाख हो जाएगी। फिर जब युवा जिन्हें विदेश में नौकरी की चाहत होती थी वो रशिया जाते थे। वहां जाकर एजेंट उन्हें ले जाता था और इनके डॉक्युमेंट्स लेता था, जब इन्हें कहा जाता था आपको युद्ध की ट्रेनिंग देकर फ्रंट लाइन पर भेजा जाएगा, जब युवा मना करते थे तो रशिया पुलिस उन्हें पकड़कर कही रखती थी और कहा जाता था या तो हमारे साथ एक कांट्रेक्ट साइन करो वरना 10 साल की सजा होगी।
मजबूरी में साइन करते थे कांट्रेक्ट
युवा बिना भाषा को समझे कांट्रेक्ट मजबूरी में साइन करते थे और फिर युवाओं को फ्रंट लाइन में लड़ने भेज दिया जाता था। इसी युद्ध में हैदराबाद के मोहम्मद असफान की मौत हो गई। यह जानकारी जब एम्बेसी को लगी फिर सीबीआई ने सो मोटो लेकर इन कंसल्टेंसी और इनके डायरेक्टर्स पर मुकदमा दर्ज करके रेड्स की। रेड में कई दस्तावेज और 50 लाख रुपए बरामद किए है। करीब 37 ऐसे विक्टिम्स की बात सामने आई है जिन्हें धोखे से रशिया भेजा गया और आर्मी में लड़ने भेज दिया जिसमें एक युवा की मौत और कई घायल हुए है।
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रशिया में फंसे भारतीय जल्द लौटेंगे स्वदेश
एमईए, होम मिनसिट्री, सीबीआई के साथ मिलकर युवाओं को रशिया से भारत लाने की कोशिश कर रही है और इन कंपनियों को चलाने वाले लोगो पर शिकंजा कसा जा रहा है। इस केस में 7 राज्यो में सीबीआई की 13 लोकेशन्स पर चल रही छापेमारी पूरी हो चुकी है। जांच में सामने आया है कि दिल्ली वाली वीजा कंसल्टेंसी कंपनी ने लगभग 180 भारतीय युवाओं को रशिया भेजा है।
सीबीआई जांच कर रही है जिनमे से कितने युवाओं को वार जॉन में भेजा गया है। ज्यादातर युवाओं को स्टूडेंट वीजा पर रशिया भेजा जाता था। कितने युवाओं को स्टूडेंट वीजा पर रशिया भेजा गया जिन्होंने यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और कितने ऐसे है जिन्होंने एडमिशन ही नहीं लिया ये भी पता लगाया जा रहा है। ज्यादातर युवा स्टूडेंट वीजा पर रशिया पहुँचकर यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने की बजाय इल्लीगल तरीके से नौकरी में लग जाते थे।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 8 March 2024 at 16:48 IST