Published 11:57 IST, September 19th 2024
यह सनातन धर्म के उदय का समय, लोगों को वैदिक जीवन अपनाना चाहिए, बोले- RSS प्रमुख मोहन भागवत
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सनातन धर्म को लेकर बड़ी बात कही है। लोगों से वैदिक जीवन अपनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के उदय का समय आ गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को सनातन धर्म को लेकर बड़ी बात कही है। लोगों से वैदिक जीवन अपनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के उदय का समय आ गया है और इसके प्रति विश्व का दृष्टिकोण बदल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने विश्व कल्याण के लिए वेदों की रचना की थी। जीवन की धारणा जीवन पर आधारित है।
आरएसएस प्रमुख भागवत श्रीपाद दामोदर सातवलेकर कृत वेदों के हिंदी भाष्य के तृतीय संस्करण के लोकार्पण के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि एवं अखिल ब्रह्मांड के मूल हैं। यही कारण है कि मैं कहता हूं कि वेद और भारत दोनों एक ही हैं।
सनातन धर्म के उदय का समय आ गया-मोहन भागवत
मोहन भागवत ने आगे कहा कि हमारे पास वेद निधि है। हमें उसका अध्ययन करना चाहिए, अपने जीवन में उसे उतारना चाहिए और जितने लोगों तक हम उसे पहुंचा सकें, उसे पहुचाएं, ताकि वे भी उसके ज्ञान से लाभ उठा सकें। सनातन धर्म पर बोलते हुए भागवत ने कहा कि ‘सनातन धर्म के उदय का समय आ गया है। हम इसके साक्षी बन रहे हैं। योगी अरविंद ने इसकी घोषणा की थी। पूरी दुनिया का दृष्टिकोण भी इस दिशा में बदल रहा है, यह हम भी जानते हैं।
धर्म का ज्ञान वेदों से मिलता है-भागवत
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इस प्रक्रिया में श्रीपाद द्वारा लिखे गए वेदों के हिंदी भाष्य का प्रकाशन भी इसका संकेत है। उन्होंने कहा कि धर्म का ज्ञान वेदों से मिलता है, क्योंकि वेद विश्व की समस्त मानवता को एकाकार होने का मार्ग दिखाते हैं तथा सभी विभाजन और पाप-पुण्य की लड़ाई क्षणिक है। धर्म सभी को गले लगाता है, सभी को एकाकार करता है और उन्हें सफलता की ओर ले जाता है। यही कारण है कि धर्म जीवन का आधार है।
धर्म सभी को गले लगाता ह-भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि धर्म सभी को गले लगाता है, सभी को जोड़ता है, उनका उत्थान करत है। ‘जीवन की धारणा धर्म पर आधारित है। यदि शरीर, मस्तिष्क, बुद्धि और आत्मा एकमय है तो व्यक्ति जीवित रहता है। यदि यह संतुलन बिगड़ जाता है तो व्यक्ति पागल हो जाता है। अगर यह खत्म हो जाता है, तो व्यक्ति मर जाता है। धर्म संतुलन प्रदान करता है और मुक्ति देता है।
वेद सिटी स्कैन के विज्ञान के स्रोत को जानता है-भागवत
भागवत ने कहा कि वेदों में सारा ज्ञान है। फिर कोई पूछ सकता है कि वेद में सीटी स्कैन का उल्लेख नहीं है, यह सच है। वहां इसका उल्लेख नहीं है। लेकिन वेद ‘सिटी स्कैन’ के विज्ञान के स्रोत को जानता है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, आधुनिक विज्ञान के आगमन से हजारों साल पहले वेदों में बताया गया था कि पृथ्वी सूर्य से कितनी दूर है और सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में कितना समय लगता है। वेदों में लिखे मंत्रों में गणित का ज्ञान मिलता है।
Updated 12:26 IST, September 19th 2024