अपडेटेड 3 May 2024 at 21:52 IST
दलित नहीं था रोहित वेमुला, मां ने बनवाया फर्जी जाति प्रमाण पत्र... सभी आरोपियों को मिली क्लीनचिट
Closure Report: साइबराबाद पुलिस ने अदालत को बताया कि रोहित वेमुला अनुसूचित जाति (एससी) का नहीं था और उसे इसकी जानकारी थी।
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Rohith Vemula Death Case: हैदराबाद विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला की मौत की जांच कर रही पुलिस ने स्थानीय अदालत के समक्ष मामले को बंद करने की रिपोर्ट जमा की है जिसमें दावा किया गया है कि वह दलित नहीं था और उसने ‘असली पहचान’जाहिर होने के डर से आत्महत्या की थी।
मामले की जांच कर रही साइबराबाद पुलिस ने अदालत को बताया कि रोहित वेमुला अनुसूचित जाति (एससी) का नहीं था और उसे इसकी जानकारी थी। वेमुला ने 2016 में आत्महत्या कर ली थी।
मां ने बनवाया था प्रमाण पत्र
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इसके अलावा मृतक को खुद भी पता था कि वह अनुसूचित जाति का नहीं है और उसकी मां ने उसे एससी का प्रमाण पत्र बनवाकर दिया था। यह निरंतर भय में से एक हो सकता है क्योंकि इसके उजागर होने के परिणामस्वरूप उनकी शैक्षणिक उपाधि वापस ली जा सकती थी जो उसने वर्षों में अर्जित की थीं और अभियोजन का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ता।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘मृतक को कई मुद्दे परेशान कर रहे थे जिसके कारण वह आत्महत्या कर सकता था।’’
आरोपियों के खिलाफ नहीं मिले सबूत
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘तमाम कोशिशों के बावजूद, यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला कि आरोपियों के कृत्यों ने मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाया।’’ इस मामले में हैदराबाद विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति अप्पा राव पोडिले और हरियाणा के निवर्तमान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय बतौर आरोपी नामजद थे।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 3 May 2024 at 21:51 IST