अपडेटेड 12 October 2024 at 14:15 IST
RG Kar Medical Case: हड़ताल का पहला सप्ताह पूरा होने पर दो और डॉक्टर आमरण अनशन में शामिल हुए
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप और फिर मर्डर को लेकर डॉक्टरों में रोष है, जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हड़ताल लगातार जारी है।
- भारत
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RG Kar Medical: पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में पिछले सात दिनों से आमरण अनशन कर रहे छह कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ उनके दो और सहकर्मी भी शामिल हो गए। वे पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए हड़ताल कर रहे हैं।
रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान के परिचय पांडा और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की अलोलिका घोरुई शनिवार को आमरण अनशन में शामिल हो गईं, जिससे राज्य भर में अनशन कर रहे चिकित्सकों की कुल संख्या 10 हो गई, जिनमें सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के भी दो चिकित्सक शामिल हैं।
इस बीच, अनशन कर रहे चिकित्सकों की हालत और खराब हो गई है। उनके साथ मौजूद चिकित्सकों ने बताया कि ‘उनकी तबीयत बिगड़’ रही है। वे पांच अक्टूबर से भूख हड़ताल कर रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों में से एक डॉ. देबाशीष हलदर ने बताया, ‘‘वे बहुत कमजोर हो गए हैं। उनके मूत्र में ‘क्रिएटिनिन’ भी बढ़ गया है। सात दिनों से अनशन पर बैठे रहने से निश्चित तौर पर उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, लेकिन तब भी इससे न्याय के लिए उनका संकल्प कमजोर नहीं हुआ है।’’
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इस बीच, आरजी कर अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती कनिष्ठ चिकित्सक अनिकेत महतो की हालत ‘गंभीर लेकिन स्थिर’ बनी हुई है।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया, ‘‘महतो पर इलाज का असर हो रहा है तथा देखभाल के कारण उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में उन्हें कुछ और दिन लगेंगे।’’
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महतो छह अक्टूबर से आमरण अनशन कर रहे थे, लेकिन बृहस्पतिवार तबीयत बिगड़ने पर उन्हें आरजी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस बीच, अनशन कर रहे दो कनिष्ठ चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके परिवार के सदस्यों पर दबाव डाल रही है कि वे उन्हें भूख हड़ताल से हटने के लिए राजी करें।
कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्निग्धा हाजरा और नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के आलोक वर्मा ने बताया कि हमारे परिजनों ने हमें फोन कर अनशन खत्म करने का आग्रह किया है।
वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस बृहस्पतिवार रात बांकुरा में हाजरा के घर जाती हुई नजर आ रही है।
उन्होंने बताया, ‘‘मेरी मां ने मुझे फोन करके बताया कि उन्हें बंगाल पुलिस से फोन आया है। पुलिस ने मेरी मां को बताया कि मेरी तबीयत खराब हो रही है और उनसे आग्रह किया कि वह मुझसे अनशन खत्म करने के लिए कहें। मैंने उनसे कहा कि मैं भूख हड़ताल जारी रखूंगा और उनकी बात नहीं मानूंगा।’’
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से स्थिति बिगड़ने से पहले हस्तक्षेप करने का शुक्रवार को आग्रह किया।
‘ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन’ (एफएआईएमए) ने चेतावनी दी है कि यदि प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों को कोई नुकसान पहुंचा तो देश भर में ‘चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह बंद’ कर दी जाएंगी।
चिकित्सक अपनी महिला सहकर्मी के परिजनों को न्याय दिलाने, स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम को तत्काल हटाने, अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित रिक्त पदों पर तुरंत नियुक्ति सहित अन्य मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे है।
एक अधिकारी ने बताया कि आरामबाग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 38 चिकित्सकों ने अपने कनिष्ठ समकक्षों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का फैसला लिया।
Published By : DINESH BEDI
पब्लिश्ड 12 October 2024 at 14:15 IST