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Published 23:33 IST, September 10th 2024

'जिसे हटाने के लिए हो रहा प्रदर्शन, उसी ने किया मेल...', डॉक्टरों ने ठुकराया ममता सरकार का प्रस्ताव

आंदोलनकारी डॉक्टरों को बात करने के लिए राज्य सचिवालय ने बुलाया गया था। ई-मेल की भाषा पर आपत्ति जताते हुए डॉक्टरों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

Reported by: Digital Desk
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doctors rejected mamata banerjee government proposal
डॉक्टरों ने ठुकराया ममता सरकार का प्रस्ताव | Image: PTI

Kolkata rape case: कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद डॉक्टरों का प्रदर्शन 31 दिन से जारी है। डॉक्टरों से बात करने के लिए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की तरफ से ई-मेल भेजा गया था। आंदोलनकारी डॉक्टरों को बात करने के लिए राज्य सचिवालय बुलाया गया था। ई-मेल की भाषा पर आपत्ति जताते हुए डॉक्टरों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टर अकीब ने बंगाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'हम ऑफिस के सामने ही बैठे हैं और वो मेल से बात करना चाहते हैं। अगर बात भी करनी है तो वो हमारे सामने आएं, हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं। हमारी मांग स्पष्ट है। हमें स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (DME),  स्वास्थ्य सेवा निदेशक (DHS) और प्रिंसिपल सेक्रेटरी इन सबका इस्तीफा चाहिए। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती,आंदोलन जारी रखेंगे।'

'ईमेल की भाषा अपमानजनक'

राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन.एस निगम द्वारा प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को मंगलवार शाम भेजे गए एक ईमेल में कहा गया है, 'आपका छोटा प्रतिनिधिमंडल सरकारी प्रतिनिधियों से मिलने के लिए नबान्न का दौरा कर सकता है।' इस मेल में अधिकतम 10 लोगों को मुलाकात के लिए बुलाया गया था। साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन स्थित राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के सामने धरना देने वाले प्रदर्शनकारी डॉ. देबाशीष हलदर ने कहा, 'ईमेल की भाषा न केवल हम डॉक्टरों के लिए अपमानजनक है, बल्कि यह पूरी तरह से असंवेदनशील है। हमें इस मेल का जवाब देने का कोई कारण नहीं दिखता।'

'जिसका मांग रहे इस्तीफा, उसी ने किया मेल'

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन हम कभी भी 5-10 लोग बंद दरवाजे के अंदर की बैठक के लिए नहीं जाना चाहते हैं। ये लोगों का आंदोलन है, 10 लोगों को बुलाकर बंद दरवाजे के अंदर बैठक के लिए बुलाने के हम निंदा करते हैं। हम जिनका (प्रिंसिपल सेक्रेटरी) इस्तीफा लेने के लिए बैठे हैं, उनका ही मेल आ रहा है, वो मेल करके क्या दर्शाना चाहते हैं?

इन अधिकारियों को हटाने की मांग

कोलकाता में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के विरोध में एक महीने से अधिक समय से डॉक्टर प्रदर्श कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को उनके काम पर लौटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शाम 5 बजे की समय सीमा दी थी, लेकिन प्रदर्शन जारी है। इससे पहले दिन में निकाले गए 'स्वास्थ्य भवन की सफाई' मार्च में, आंदोलनकारी डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक के इस्तीफे की मांग की थी। इसके अलावा अपने पांच सूत्री मांगपत्र के तहत कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाये जाने पर भी जोर दिया।

सीएम ममता के पास है स्वास्थ्य विभाग

प्रदर्शनकारियों ने भी राज्य प्रशासन को अपनी मांगों पर कार्रवाई करने के लिए शाम 5 बजे तक की समय-सीमा दी थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के काम पर लौटने के लिए शाम 5 बजे की समय सीमा दी थी। पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने शाम 7.30 बजे के बाद नबान्न (बंगाल सचिवालय बिल्डिंग नबन्ना भवन) से मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारी चिकित्सकों की ओर शांति की पहल करके सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। बतादें, राज्य के स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी मुख्यमंत्री बनर्जी के पास है।

इतंजार करती रही सीएम

स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, 'ईमेल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की आधिकारिक आईडी पर शाम करीब 6.10 बजे भेजा गया था। मुख्यमंत्री डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल के बैठक के लिए आने का इंतजार कर रही थीं। प्रदर्शनकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण वह शाम 7.30 बजे अपने कार्यालय से चली गईं।

डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें मेल की भाषा अपमानजनक लगी क्योंकि सरकार ने प्रतिनिधियों की संख्या 10 तक सीमित कर दी थी। इसके अलावा, यह ईमेल राज्य सचिवालय से नहीं आया। यह स्वास्थ्य सचिव द्वारा भेजा गया था, जिनका डॉक्टर इस्तीफा चाहते हैं। 

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Updated 23:33 IST, September 10th 2024