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अपडेटेड January 20th 2025, 16:50 IST

RG Kar Case: 29 मिनट में रेप के बाद हत्या... 9 अगस्त की रात घटना के बाद मिले वो सबूत जिनकी वजह से सुनाई गई सजा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बीते साल 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

Reported by: Deepak Gupta
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RG Kar Case Rape murder: Sanjay Roy Life Imprisonment
RG Kar Case Rape murder: Sanjay Roy Life Imprisonment | Image: Republic

RG Kar Rape-Murder case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीते साल 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हुई हत्या के मामले में सियालदाह कोर्ट ने दोषी संजय रॉय (Sanjay Roy) को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है। हालांकि सीबीआई (CBI) की ओर से दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की थी। दोषी संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया।

सियालदाह कोर्ट के जज अनिर्बान दास की अदालत ने संजय रॉय को शनिवार को ही 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हुई हत्या के मामले में दोषी ठहराया था। सोमवार को उन्होंने सजा का ऐलान करते हुए संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और इसे 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' (Rarest of Rare) केस नहीं माना। इसके अलावा जज ने मृतक डॉक्टर के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 17 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश भी दिया है।

वो 5 सबूत जिनकी वजह से सुनाई गई सजा

  1. 8 और 9 अगस्त के तड़के संजय रॉय आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में अंदर गया और करीब आधा घंटे बाद बाहर आ गया। दोषी 4.03 बजे अंदर गया और 29 मिनट बाद 4.32 बजे बाहर आ गया। इन 29 मिनट के दौरान ही उनसे रेप और हत्या की इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया।
  2. संजय रॉय की मोबाइल लोकेशन से पुलिस को पता चला कि वो घटना स्थल पर मौजूद था, इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज में भी संजय रॉय को सेमिनार हॉल के अंदर जाते और बाहर आते देखा गया था। साथ ही पुलिस को संजय का ब्लूटूथ की हिस्सा घटना स्थल से मिला जो उसके मोबाइल से कनेक्ट हो गया।
  3. संजय रॉय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया जो डीएनए जांच में मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ। इसके अलावा संजय के मुंह का सलाइवा भी पीड़िता के शरीर पर पाया गया।
  4. गिरफ्तारी के बाद संजय रॉय के शरीर पर 5 चोट के निशान मिले थे जो 24 से 48 घंटे पहले ही लगे थे। फुटप्रिंट मेपिंग और 3डी प्रिंटिंग के जरिए ये पता चला कि वहां संजय के अलावा दूसरा कोई और शख्स मौजूद नहीं था।
  5. संजय रॉय ने खुद को बचाने के लिए सबसे बड़ा झूठ ये बोला कि वो यौन रूप से नपुंसक है, लेकिन डॉक्टरी जांच में उसका ये झूठ भी पकड़ा गया और कोर्ट ने उसे इस जधन्य अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 
     

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पब्लिश्ड January 20th 2025, 16:50 IST