अपडेटेड 6 March 2024 at 19:06 IST

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की बहुत बड़ी जीत, फेक था TRP केस; 3.5 साल बाद कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

Republic Wins TRP Case : अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि रिपब्लिक मीडिया पर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं।

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Republic Wins TRP Case
TRP केस में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की बहुत बड़ी जीत | Image: Republic

Republic Wins TRP Case : टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP) केस में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की बड़ी जीत हुई है। रिपब्लिक नेटवर्क पर लगे तमाम आरोपों को कोर्ट ने झूठ का पुलिंदा बताते हुए पूरे केस को खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि झूठे आरोपों के साथ केस दर्ज किया है और गवाहों को डराया धमकाया गया था। साढ़े तीन साल तक चले इस केस में रिपब्लिक मीडिया के खिलाफ कोर्ट को कोई सबूत नहीं मिला।

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की TRP केस में 3.5 साल बाद यह बहुत बड़ी जीत है। कोर्ट में खड़े किए झूठ के पहाड़ के सामने लंबे संघर्ष के बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क का सच जीत गया। कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला रिपब्लिक मीडिया के हक में सुनाते हुए सभी आरोपों को झूठा पाया है। रिपब्लिक मीडिया पर लगे तमाम आरोप झूठे साबित हुए हैं। अपने आदेश में अदालत ने कहा- 

‘गवाहों को धमकाया गया, मजबूर किया गया’।

क्या बोले अर्नब गोस्वामी?

कोर्ट में मिली जीत को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने सच और रिपब्लिक मीडिया के करोड़ों दर्शकों की जीत बताया। कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने कहा- 

'मीडिया इंडस्ट्री सहित हर कोई जानता था कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर लगा यह आरोप झूठा और बेबुनियाद है। किसी को भी इस पर जरा भी संदेह नहीं था। किसी ने भी इस मामले के मनगढ़ंत दावों पर विश्वास नहीं किया। आज कोर्ट ने भी करोड़ों दर्शकों के भरोसे पर अपने मुहर लगा दी। झूठ कभी नहीं जीतता, मनगढ़ंत बातें और साजिशें कभी जीत नहीं सकती। अंत में कड़ी मेहनत, इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प की जीत होती है। मेरे साथ मेरी टीम का विश्वास था और उससे भी अधिक सर्वशक्तिमान भगवान मेरे साथ थे। 

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ कोई सबूत नहीं

साल 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई की एक विशेष अदालत के सामने दायर अपनी चार्जशीट में कहा था कि कथित TRP हेराफेरी घोटाले में रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। केंद्रीय एजेंसी ने दो साल पहले दायर आरोप पत्र में कहा था कि इस संबंध में मुंबई पुलिस की जांच उसकी जांच से अलग है। ED ने यह भी दावा किया था कि उसे इस बात के सबूत मिले हैं कि कुछ क्षेत्रीय और मनोरंजन चैनल TRP हेरफेर करने में शामिल थे।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 6 March 2024 at 18:16 IST