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Published 00:09 IST, October 1st 2024

राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर अभ्यावेदन मिला : केंद्र ने अदालत को बताया

केंद्र सरकार ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ को सूचित किया कि उसे नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत एक अभ्यावेदन मिला है।

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Congress MP Rahul Gandhi
Congress MP Rahul Gandhi | Image: Facebook

केंद्र सरकार ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ को सूचित किया कि उसे नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत एक अभ्यावेदन मिला है, जिसमें कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया है कि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता थी।

हालांकि, भारत के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एस.बी पांडेय ने एक अभ्यावेदन के माध्यम से उक्त याचिका पर की गई कार्रवाई की स्थिति को पीठ के समक्ष रखने के लिए और समय मांगा। इसलिए, पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 24 अक्टूबर तय की।

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने कर्नाटक के एक भाजपा कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर द्वारा दायर जनहित याचिका पर केंद्र को निर्देश दिया कि वास्तु स्थिति से उसे अवगत कराए।

जनहित याचिका में याचिकाकर्ता का दावा है कि उसके पास तमाम दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के कुछ ई-मेल हैं, जिनसे यह सिद्ध होता है कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं और इस कारण से वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं तथा लोकसभा सदस्य नहीं नहीं बन सकते।

याचिका में राहुल गांधी के कथित तौर पर दोहरी नागरिकता धारण करने को भारतीय न्याय संहिता तथा पासपोर्ट अधिनियम के तहत अपराध बताया गया है और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने कथित दोहरी नागरिकता के सम्बन्ध में सक्षम प्राधिकारी को दो-दो बार शिकायत भेजीं लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई न किये जाने पर वर्तमान याचिका दाखिल की जा रही है।

याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान पीठ ने डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को कहा था वह केंद्र सरकार से निर्देश प्राप्त कर पीठ को इस तथ्य से अवगत कराएंगे कि क्या याचिकाकर्ता की शिकायतें सक्षम प्राधिकारी को प्राप्त हो गयी हैं और यदि हां, तो शिकायतों पर क्या कार्रवाई की जा रही है।

अदालत में सोमवार को जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई, पांडेय ने पीठ को अवगत कराया कि उन्हें गृह मंत्रालय से मौखिक निर्देश मिले हैं कि मंत्रालय को अभ्यावेदन प्राप्त हो गया है, लेकिन अभ्यावेदन की आगे की स्थिति के लिए उन्हें लिखित में निर्देश प्राप्त करने के लिए और समय चाहिए।

Updated 00:09 IST, October 1st 2024