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Published 21:52 IST, September 30th 2024

रोहतांग दर्रा में 56 साल पहले दुर्घटनाग्रस्त हुआ था वायुसेना का विमान, अब मिले चार शवों के अवशेष

सेना के अधिकारियों ने कहा कि इन अवशेषों को भारतीय थलसेना के ‘डोगरा स्काउट्स’ और ‘तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू’ के कर्मियों वाली एक संयुक्त टीम ने ढूंढा है।

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Rohtang Pass
Rohtang Pass | Image: rohtangpermits.nic.in

भारतीय वायुसेना के एक एएन-12 विमान के हिमाचल प्रदेश के रोहताग दर्रा के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल से भी अधिक समय बाद, चार और शवों के अवशेष बरामद हुए हैं। इस तरह, भारत के सबसे लंबे समय तक चले तलाश अभियानों में शामिल इस खोज कार्य में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है।

सेना के अधिकारियों ने कहा कि इन अवशेषों को भारतीय थलसेना के ‘डोगरा स्काउट्स’ और ‘तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू’ के कर्मियों वाली एक संयुक्त टीम ने ढूंढा। दो इंजन वाला परिवहन विमान सात फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरने के बाद, लापता हो गया था। उसमें 102 लोग सवार थे। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक असाधारण घटनाक्रम में, 1968 में रोहतांग दर्रा पर दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-12 विमान से कर्मियों के अवशेष बरामद करने के लिए जारी तलाश अभियान एवं बचाव मिशन को महत्वपूर्ण सफलता मिली है।’’

शवों की हुई पहचान 

दशकों तक विमान का मलबा और शवों के अवशेष बर्फीले क्षेत्र में दबे पड़े रहे। वर्ष 2003 में, अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने विमान का मलबा ढूंढ लिया। इसके बाद, इन वर्षों में सेना और खासतौर पर डोगरा स्काउट्स ने कई बार खोज अभियान चलाया। डोगरा स्काउट्स 2005, 2006, 2013 और 2019 में तलाश अभियानों में अग्रिम मोर्चे पर रहा। अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटनास्थल के दुर्गम क्षेत्र होने और प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण 2019 तक, केवल पांच शवों के अवशेष ही बरामद किये जा सके।

‘चंद्र भागा माउंटेन एक्सपेडीशन’ ने अब चार और शव बरामद किये हैं, जिसके कारण मृतकों के परिजनों और राष्ट्र को एक नयी उम्मीद मिली है। अधिकारियों ने बताया कि चार में से तीन शवों के अवशेष मलखान सिंह, सिपाही नारायण सिंह और शिल्पकार थॉमस चरण के हैं। शेष अवशेष से बरामद दस्तावेजों से व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि उसके निकटतम रिश्तेदारों का विवरण मिल गया है। 

चमोली के रहने वाले थे मलखान सिंह

थॉमस, केरल के पथनमथिट्टा जिले के एलंथूर का रहने वाला था। उन्होंने बताया कि उसके निकटतम रिश्तेदार, उसकी मां एलीमा को इस बारे में सूचना दे दी गई है। आधिकारिक रिकॉर्ड से प्राप्त दस्तावेजों की मदद से मलखान सिंह की पहचान की पुष्टि की गई। आर्मी मेडिकल कोर में सेवा देने वाले सिपाही सिंह की पहचान आधिकारिक दस्तावेजों के जरिये हुई। अधिकारियों ने बताया कि सिंह उत्तराखंड के गढ़वाल में चमोली तहसील के कोलपाड़ी गांव का रहने वाला था।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 21:52 IST, September 30th 2024