अपडेटेड 10 September 2024 at 22:59 IST

उत्तर प्रदेश के 513 मदरसों की मान्यता होगी खत्म, मदरसा बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला

मदरसा बोर्ड की मान्यता छोड़ने की अर्जी दी गई है और इससे संबंधित प्रस्ताव को मंगलवार को परिषद की बैठक में हरी झंडी दे दी गई।

Follow : Google News Icon  
madrasas
513 मदरसों की मान्यता होगी खत्म | Image: PTI

उत्तर प्रदेश के 513 मदरसों ने राज्य मदरसा शिक्षा परिषद (मदरसा बोर्ड) की मान्यता छोड़ने की अर्जी दी है और इससे संबंधित प्रस्ताव को मंगलवार को परिषद की बैठक में हरी झंडी दे दी गई। बोर्ड द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक, प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 513 मदरसों ने परिषद से मान्यता वापस लेने की अर्जी दी है तथा इससे संबंधित प्रस्ताव को बैठक में अनुमोदित करके आगे की कार्यवाही के लिए परिषद के रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है।

बैठक में मौजूद रहे मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य क़मर अली ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि प्रदेश के 513 मदरसों ने परिषद से खुद को मिली मान्यता के समर्पण की अर्जी दी थी जिस पर आज हुई बैठक में फैसला लिया गया।

उन्होंने बताया कि इन मदरसों ने विभिन्न कारणों से मान्यता वापस लेने की अर्जी दी है जिनमें सबसे अहम कारण मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता के नवीनीकरण की जटिल प्रक्रिया है। पूर्व में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के स्तर से ही मदरसों की मान्यता और उसका नवीनीकरण हो जाता था लेकिन अब यह अधिकार रजिस्ट्रार को दे दिया गया है।

उन्होंने कहा, “ मदरसों को एक निश्चित अवधि में अपनी मान्यता का नवीनीकरण करना होता है जो अब एक जटिल प्रक्रिया है। चूंकि मदरसों को अपने यहां बच्चों को पढ़ाना है। इसलिए उनमें से अनेक मदरसों ने बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता ले ली है जो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से ही मिल जाती है।”

Advertisement

उत्तर प्रदेश में करीब 25 हजार मदरसे हैं। उनमें से लगभग 16 हजार 500 मदरसे राज्य मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से 560 मदरसों को राज्य सरकार से अनुदान मिलता है जबकि करीब 8500 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं।

Advertisement

मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा जारी बयान के मुताबिक, बैठक में मदरसों की मान्यता से संबंधित प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। बयान के अनुसार, बैठक में राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त 560 मदरसों के लिए एक मॉडल प्रशासनिक योजना को भी अनुमोदन दिया गया। इसके तहत मदरसों के कर्मचारियों की शिकायत अब जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से की जा सकेगी। इसके अलावा मदरसा शिक्षा परिषद के बजट में वृद्धि करने का प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए बैठक में रजिस्ट्रार को निर्देश दिए गए।

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 10 September 2024 at 22:59 IST