अपडेटेड 11 June 2025 at 19:53 IST

Parle-G में 'G' का मतलब क्या है? कैसे बना दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट, पारले-जी की कहानी

Parle-G में 'G' का मतलब क्या है? जानिए क्यों इसे Genius Biscuit कहा गया और कैसे ये दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट बना।

Follow : Google News Icon  
The Price Of Rs 5 Parle-G In Pakistan Will Shock You
Parle-G | Image: officialparleg

Parle G meaning: भारत में अगर किसी बिस्किट ने हर वर्ग और हर उम्र के दिलों में जगह बनाई है, तो वो है पारले-जी। इसका पीला पैकेट, भोली बच्ची की तस्वीर और सादा मीठा स्वाद, हर किसी की बचपन की यादों का हिस्सा रहा है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस बिस्किट में मौजूद 'G' का मतलब क्या है।

ज्यादातर लोग मानते हैं कि G का मतलब Glucose है और कुछ हद तक ये सच भी है। क्योंकि शुरुआती सालों में Parle-G को ग्लूकोज बिस्किट के रूप में ही प्रचारित किया गया था। लेकिन असली अर्थ इससे कहीं ज्यादा दिलचस्प है।

गेहूं के आटे और चीनी से बना, कीमत भी कम

पारले प्रोडक्ट्स की शुरुआत 1929 में मोहनलाल दयाल ने की थी। जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देश में खाद्य संकट गहराया, तो पारले ने एक ऐसा बिस्किट बनाया जो कम कीमत में ज्यादा ऊर्जा दे सके। इसमें गेहूं का आटा, चीनी और वनस्पति तेल जैसे सरल घटक थे। जिसके बाद यह बिस्किट देश की जरूरत बन गया सस्ता, पोषक और पेट भरने वाला।

इसी समझदारी के कारण इसे Genius Biscuit नाम दिया गया और यही G आगे चलकर Parle-G का हिस्सा बन गया। यह नाम न सिर्फ इसके फॉर्मूले बल्कि इसके निर्माण के पीछे की सोच को दर्शाता है।

Advertisement
PC : @officialparleg

प्यारी बच्ची की तस्वीर की कहानी

1960 के दशक में कलाकार मगनलाल दहिया ने एक बच्ची की कलाकृति बनाई, जो Parle-G के पैकेट का चेहरा बनी। भोली आंखों और छोटे बालों वाली ये बच्ची असल में कोई मॉडल नहीं थी, लेकिन लोगों के दिल में घर कर गई। दशकों से लोग सोचते रहे कि ये कोई असली बच्ची है, जबकि ये बस एक आर्टवर्क था।

Image
PC : @officialparleg
Image
PC : @officialparleg

2011 में दुनिया में बिका सबसे ज्यादा  

Nielsen की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 में Parle-G दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट बन गया। इसकी कीमत, सरल स्वाद और हर जगह उपलब्धता ने इसे आम आदमी का पसंदीदा बनाए रखा। आज भी ग्रामीण भारत में यह मात्र 5 रुपये में उपलब्ध है। 1980 के दशक में जब Coca-Cola ने भारत छोड़ा, तो पारले ने Thums Up, Limca और Frooti जैसे ब्रांड लॉन्च किए। यह एक बड़ा कारोबारी कदम था, जिसने Coca-Cola को वापसी पर मजबूर किया और Thums Up को खरीदने पर विवश कर दिया।

Advertisement
PC : @officialparleg

क्यों आज भी Parle-G है सबका फेवरेट?

Parle की कम कीमत है और इसकी हर वर्ग में पहुंच है। सालों से एक जैसा स्वाद और गुणवत्ता बरकरार रखना इसे खास बनाता है, वहीं, चाय, टिफिन और बचपन की मीठी बातें पारलेजी से जुड़ी हुई महसूस होती है, इसलिए आज भी भारत में पारले बिक्ता है और लोगों की पसंद भी है। Parle-G सिर्फ एक बिस्किट नहीं, बल्कि एक भावना है। इसका G सिर्फ Glucose नहीं बल्कि Genius का प्रतीक है। एक ऐसा विचार जिसने भारत के हर कोने में मिठास और ऊर्जा पहुंचाई। इसकी सादगी और सच्चाई ने इसे भारत का दिल बना दिया है।

(सभी फोटो पारले-जी के एक्स अकाउंट @officialparleg से ली गई हैं।)

यह भी पढ़ें : बालिका वधू की 'आनंदी' ने बॉयफ्रेंड संग की सगाई, छाईं तस्वीरें

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 11 June 2025 at 19:53 IST