Published 08:52 IST, October 11th 2024
अनुशासन और पाबंद...35 सालों से फिक्स था सुबह 6 से रात 9 बजे का रुटीन; रतन टाटा के फिटनेस की कहानी
Ratan Tata Routine: टाटा ग्रुप के प्रमुख रहे रतन टाटा अपने आखिरी समय तक भी एक एक्टिव लाइफस्टाइल जी रहे थे। वो सुबह 6 बजे उठ जाते थे और रात करीब 9 बजे सोते थे।
Ratan Tata Routine: देश के सबसे चहेते उद्योगपति रतन टाटा ने 86 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की खबर से पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ पड़ी। टाटा ग्रुप के प्रमुख रहे रतन टाटा अपने आखिरी समय तक भी एक एक्टिव लाइफस्टाइल जी रहे थे। वो सुबह 6 बजे ही उठ जाते थे और रात करीब 9 बजे सोते थे।
खबरों की माने तो, रतन टाटा पिछले 35 सालों से एक ही रूटीन फॉलो कर रहे थे। वो सुबह 6 बजे उठ जाते थे और कुछ देर चिंतन करते थे कि दिनभर वो क्या करने वाले हैं। फिर 6:30 बजे वो व्यायाम करते थे। ऐसा कहा जाता है कि रतन अपना ज्यादातर दिन ऑफिस में ही बिताते थे क्योंकि उनकी दिनभर मीटिंग्स चलती रहती थीं।
35 सालों से फिक्स था रतन टाटा का रूटीन
इस उम्र में भी एक्टिव होकर काम करना हर किसी के बस की बात नहीं है। ऐसे में रतन टाटा ने खुद को इस काबिल बनाया और सुबह 6-7 बजे तक अपनी मेंटल और फिजीकल हेल्थ के लिए देते थे। फिर सुबह 8 बजे वो नाश्ता किया करते थे और साथ ही खुद को अपडेट रखने के लिए अखबार और बिजनेस रिपोर्ट पढ़ लेते थे।
सुबह 9 बजे से उनकी मीटिंग्स शुरू हो जाया करती थीं। कथित तौर पर इन मीटिंग्स में टाटा मोटर्स और टाटा स्टील सहित टाटा ग्रुप के अलग-अलग वेंचर को लेकर अहम फैसले लिए जाते थे। फिर दोपहर 12:30 बजे वो अपनी टीम के लोगों के साथ लंच करते। ये उनका रिलैक्सिंग टाइम होता था। टाटा के ऑफिस में रोज एक इवोनेशन सेशन भी होता था जिसमें नए आईडिया पर सोच-विचार होता था। इसका समय दोपहर 2:00 बजे था।
दिनभर की थकान के बाद शाम 7 बजे करते थे रेस्ट
ऐसा कहा जाता है कि लंबे दिन के बाद रतन टाटा शाम 7:00 बजे आराम करते थे। इस दौरान वो कोई किताब पढ़ लेते या अपनी पसंद का म्यूजिक सुनते थे। उसके बाद रात को 9:00 बजे उनका डिनर टाइम होता था जो वो हल्का ही करते थे। उसके बाद अक्सर रतन टाटा सो जाते थे।
छुट्टी वाले दिन क्या करते थे रतन टाटा
आपको बता दें कि छुट्टी वाले दिन रतन टाटा अपनी हॉबीज पर ध्यान देते थे। उन्हें आर्किटेक्चर का काफी शौक था। उन्होंने अपने घर और ऑफिस में कई जगहों को खुद ही डिजाइन किया था। इसके अलावा, उन्हें अपना जेट भी उड़ाना पसंद था। बता दें कि रतन टाटा के पास पायलट का लाइसेंस था। ऑफ पर वो अपने पालतू कुत्तों संग खेलकर दिन बिता देते थे।
ये तो सभी को पता है कि कैसे रतन टाटा को गाड़ियों और जहाजों से काफी प्यार था। वो इन्हें लेकर जुनूनी थे। ऑफ पर वो अपनी गाड़ियों के कलेक्शन को देखते और उन्हें ड्राइव करते थे।
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Updated 08:52 IST, October 11th 2024