अपडेटेड 15 October 2025 at 23:55 IST
सनातन है तो भारत है, भारत है तो सनातन है, नहीं तो एक तरफ रूस और दूसरी तरफ यूक्रेन...राष्ट्र सर्वोपरि सम्मेलन में बोले स्वामी चिदानंद
स्वामी चिदानंद ने मौजूदा समय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज के समय में सूचना पाने के बहुत से स्रोत हैं लेकिन हमें प्रेरणा की भी जरूरत है।
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बुधवार को नोएडा स्थित रिपब्लिक नेटवर्क के मुख्यालय में राष्ट्र सर्वोपरि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद सरस्वती जी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज भारत की स्थिति इतनी मजबूत है कि वह एक साथ इजराइल और फिलिस्तीन दोनों के साथ रिश्ते बनाए हुए है। सनातन धर्म से भारत की पहचान है हमारी पहचान है। सनातन शांति का पर्याय है।
सनातन की यात्रा सहयोग और सद्भाव की यात्रा
उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि भारत की सब से बन रही है। रूस से तेल ले रहे हैं और बाकी देशों को भी देने का काम कर रहे हैं। सनातन की यात्रा संवाद की यात्रा है जिस पर कि भारत आज चल रहा है। सनातन की यात्रा सहयोग और सद्भाव की यात्रा है। स्वामी चिदानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम को आग नहीं ऊर्जा का स्रोत बताया है। राम विवाद नहीं राम संवाद हैं। राम हार या जीत का विषय नहीं हैं। सनातन है तो मानवता है, शांति है। सनातन से ही भविष्य है।
हमें प्रेरणा की भी जरूरत
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मौजूदा समय पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में सूचना पाने के बहुत से स्रोत हैं लेकिन हमें प्रेरणा की भी जरूरत है। हिसाब कमाई का नहीं कर्मों का होता है ये कर्म करना सनातन सिखाता है। आज बहुत से लोग मनोरोगी हैं। मनोरोगी इसलिए अधिक हैं क्योंकि लोगों के पास गति के साथ दिशा नहीं हैं। सनातन कहता है 100 हाथों से कमाओ लेकिन हजारों हाथों से बांटो। जिंदगी सिर्फ ज्यादा होने का नाम नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि जिंदगी में बड़ा होने से अधिक बढ़िया होना महत्वपूर्ण है। आज युवाओं को इंटरनेट के साथ इनरनेट की जरूरत है। हम घंटों समय मोबाइल पर बिताते हैं। रात को सोने से पहले आत्मचिंतन करना जरूरी है। आज के समय मोबाइल फास्टिंग करने की जरूरत है डिजिटल डिटॉक्स करने की जरूरत है। खुद को मोबाइल से दूर रखने की जरूरत है।
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Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 15 October 2025 at 23:55 IST