अपडेटेड 15 February 2024 at 13:34 IST

स्कूलों में शुरू हुआ सूर्य नमस्कार तो राजस्थान में आया सियासी उबाल, मुसलमानों को क्यों आपत्ति?

Surya Namaskar: Madan Dilawar बोले ऐसे लोगों को मैं क्या शब्द कहूं...मेरे मुंह से कौन-से शब्द निकलेंगे, मैं कंट्रोल नहीं कर पा रहा हूं।

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MADAN DILAWAR
मदन दिलावर, कैबिनेट मंत्री, राजस्थान सरकार | Image: Facebook/MADANDILAWAR

Rajasthan Surya Namaskar: राजस्थान के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 15 फरवरी को सूर्य उपासना  की गई। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी बच्चों संग सूर्य नमस्कार करते दिखे। चौगान स्टेडियम में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां तीन स्कूल के बच्चे एक साथ योग करते दिखे।  मंत्री मदन दिलावर ने कहा- आज हम सूर्य नमस्कार का विश्व रिकॉर्ड बनाने जा रहे है। यह दिन इतिहास में याद रखा जाएगा। दावा किया कि- सब लोग एक साथ इस फैसले का स्वागत कर रहे है। विरोध कहीं नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि विरोधियों को भगवान सद्बुद्धि दें।

इस बीच सूर्य उपासना को लेकर सियासी उबाल भी चरम पर है। जमीयत उलेमा राजस्थान सहित विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक संयुक्त याचिका दायर की थी। जिसमें 15 फरवरी के कार्यक्रम को और स्कूलों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य करने के निर्णय को रद्द करने की मांग की गई है। सुनवाई हुई और कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, “कोई संगठन हाई कोर्ट में तभी याचिका दायर कर सकता है जब वो पंजीकृत हो या याचिका व्यक्तिगत रूप से दायर की जा सकती है।”

काल कोठरी में रहें विरोधी- दिलावर

मदन दिलावर ने एक दिन पहले ही एक सार्वजनिक मंच से विरोधियों को ललकारा था। खिलाफत को बेबुनियाद बताया। जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा- सूर्य नमस्कार के विरोधियों को फिर कह रहा हूं कि अगर आपको सूर्य भगवान से इतनी ही नाराजगी है तो जिंदगी में सूर्य भगवान की तरफ मत देखो। काल कोठरी में घुस जाओ। कभी भी बाहर मत आना। आपको सूर्य दिखाई नहीं देगा...सूर्य की रोशनी उन पर नहीं पड़ेगी। जिसका अन्न खाते हो, जिससे लाभ प्राप्त करते हो, अपना जीवन आगे चलाते हो, जिससे जीवित रहते हो, उसकी आराधना में आपको आपत्ति है।

'नमाज और पूजा पाठ के लिए छुट्टी नहीं'

दिलावर ने कहा- कोई भी बालाजी, भैरुजी, हनुमानजी पूजने के नाम पर या नमाज पढ़ने के नाम पर अपना स्कूल नहीं छोड़ेगा। अगर छोड़ेगा तो पूरे दिन की छुट्टी लेनी पड़ेगी। कई लोगों ने मजाक बना रखा है। पूजा-पाठ करनी है तो अपने घर पर कीजिए। उन्होंने कहा- सूर्य सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की उत्पत्ति हुई थी। उनका जन्मदिन है।

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ऐसे लोगों के लिए तो बस यही कहूंगा…

उन्होंने इसके बाद विरोधियों को कोर्ट जाने वालों को दो टूक कहा कि वो गलत कह रहे हैं। बोले-सब लोग सूर्य नमस्कार करें ताकि सूर्य भगवान खुश रहें। मुझे बहुत कष्ट इस बात का हो रहा है कि सूर्य भगवान का विरोध करने वाले भी इस धरती पर पैदा हो रहे हैं। कोर्ट में जा रहे हैं। कह रहे हैं सूर्य भगवान की पूजा करने से हमारी भावनाएं आहत होती हैं। ऐसे लोगों को मैं क्या शब्द कहूं, क्योंकि मैं ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं हूं। मेरे मुंह से कौन-से शब्द निकलेंगे, मैं कंट्रोल नहीं कर पा रहा हूं।

सरस्वती वंदना भी जरूरी

शिक्षा मंत्री ने कहा- हम सभी विद्या की देवी सरस्वती के चरणों में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्हें सम्मान देना ही होगा। उनकी वंदना करनी ही होगी। दिलावर ने पिछली सरकार के एक आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि एक आदेश में पूछा गया कि स्कूल में सरस्वती की मूर्ति किस आदेश के तहत लगा रहे हो। ऐसा तो कोई मेंटल रिटायर्ड व्यक्ति भी नहीं पूछेगा। क्या आप अपनी मां की मूर्ति या फोटो नहीं लगा सकते। सरस्वती हमारी मां हैं, इसलिए उसकी मूर्ति लगा रहे हैं। मैं अपने पिताजी का चित्र घर में लगा लूं और कोई पूछे कि तुम अपने पिताजी का चित्र घर में क्यों लगा रहे हो, तो उससे पागल व्यक्ति कोई नहीं हो सकता।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 15 February 2024 at 13:34 IST