अपडेटेड 12 July 2025 at 20:42 IST

रायपुर में बंधुआ मजदूरी: मशरूम की फैक्ट्री से 97 श्रमिकों का रेस्क्यू, महिलाओं और बच्चों सहित मजदूरों पर ऐसा जुल्म की रूह कांप उठे

रायपुर की मशरूम फैक्ट्री में 97 मजदूर बंधक बनाकर शोषित किए जा रहे थे, जिनमें नवजात और महिलाओं भी शामिल थी।

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Raipur bonded labour
रायपुर में मजदूरों को बंधक बनाया | Image: Republic

Raipur Mushroom Factory Labourers: रायपुर में खरोरा थाना क्षेत्र की एक मशरूम फैक्ट्री में 97 मजदूरों को बंधक बनाकर जानबूझकर शोषित किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के पुरुष, महिलाएं और 10 दिन के नवजात बच्चे शामिल थे। घटना ने मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ा दी हैं।

मजदूरों को बेहतर मजदूरी का लालच देकर फैक्ट्री बुलाया गया, लेकिन उन्होंने न तो उचित वेतन पाया और न ही पर्याप्त भोजन मिला। परिवारों की आवाज उठाने पर उन्हें मारपीट और जान से मारने की धमकियां दी गईं। एक मजदूर के मुताबिक, फैक्ट्री मालिक ने उसकी पैर की उंगली पर ब्लेड से वार किया। वहीं महिलाओं और नवजात बच्चों के साथ भी बरबरता से पेश आया गया।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने क्या कहा? 

महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने समय रहते कार्यवाही कर सभी 97 मजदूरों को रेस्क्यू किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी शैल ठाकुर ने बताया कि रेस्क्यू किए गए श्रमिकों में भदोही से 30, जौनपुर से 38, बनारस से 5 और बाकी बिहार-झारखंड से थे। उन्होंने बताया कि, हमने फैक्ट्री से सभी को तुरंत सुरक्षित स्थान पर भेजा और राहत का इंतजाम कराया है। इस घटना को लेकर राज्यभर में गहरी नाराजगी फैली हुई है। लोग फैक्ट्री मालिकों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से कहा- 'बंधक बनाकर मजदूरों को काम पर लगाना सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि इंसानियत की भी अवहेलना है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।'

यह मामला न सिर्फ कानूनी उल्लंघन को दर्शाता है, बल्कि समाज के नैतिक ताने-बाने पर भी सवाल खड़े करता है। एक फैक्ट्री में इंसानियत का इतना सिरफिरा शोषण, जिसमें छोटे बच्चे और नवजात भी शामिल हों, यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज कहां जा रहा है।

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दोषियों के खिलाफ केस दर्ज

पुलिस और विभाग ने गहन जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सभी मजदूरों की फॉरेंसिक मेडिकल जांच और कानूनी मदद शुरू कर दी गई है। दोषियों के खिलाफ बोंडेड लेबर एक्ट, IPC और HRA नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने आश्वस्त किया है कि स्थानीय प्रशासन पर निगरानी बढ़ाएगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

रायपुर की मशरूम फैक्ट्री कांड एक चेतावनी है कि हमारे दूरदराज इलाकों में आज भी बंदिशों में बंधे मानव पोशाक धारी बंधक होते रहते हैं। अब जरूरत है कि सरकार, समाज और मीडिया मिलकर ऐसे अत्याचारों को जड़ से उखाड़ फेंके। कड़ी कार्रवाई और सार्वजनिक जागरूकता के माध्यम से हम मानवाधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 12 July 2025 at 20:42 IST