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अपडेटेड 2 June 2025 at 10:49 IST

PM Vishwakarma Scheme: पीएम विश्वकर्मा योजना- ऐसे उठा सकते हैं 3 लाख तक के लोन का लाभ, सरकारी स्कीम के हैं कई और भी फायदे

PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य परंपरागत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें और अपने पारंपरिक व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें।

Reported by: Digital Desk
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Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana
Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana | Image: File

PM Vishwakarma Scheme: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा स्कीम ने लाखों लोगों की जिंदगी बदल दी है। अगर आप भी शिल्पकार हैं या कारीगर हैं तो प्रधानमंत्री विश्वकर्मा स्कीम आपके लिए बड़े फायदे की योजना है। इससे आपको 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है, जो बिना गारंटी के होते हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा स्कीम के जरिए न सिर्फ अपना कोई व्यवसाय शुरू किया जा सकता है, बल्कि इसके जरिए अपने व्यवसाय को विस्तार भी दिया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के मौके पर 17 सितंबर 2023 में योजना की शुरुआत की थी। इसके जरिए सरकार का उद्देश्य परंपरागत हुनरमंद कारीगरों को पहचान देना, उनके व्यवसाय को आधुनिक टेक्नोलॉजी और टूल्स से जोड़ना, आर्थिक सहायता और स्किल ट्रेनिंग प्रदान करना है।

प्रधान मंत्री विश्वकर्मा स्कीम क्या है?

पीएम विश्वकर्मा केन्द्रीय क्षेत्र की एक स्कीम है, जिसे कारीगरों और शिल्पकारों को कोलेटरल मुक्त क्रेडिट, कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरणों तक पहुंच, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और बाजार से जोड़ने संबंधी सहयोग के जरिए समग्र और शुरू से अंत तक सम्पूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया था। इसके लिए किसी तरह की कोलेटरल सिक्योरिटी की जरूरत नहीं होती है। लाभार्थी को लोन के लिए कोई गारंटी शुल्क नहीं देना होता है।

विश्वकर्मा स्कीम में कौन-कौन से व्यवसाय शामिल?

कारपेंटर (सुथार), नाव निर्माता, अस्त्रकार, ब्लैकस्मिथ (लौहार), हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाला, गोल्डस्मिथ (सुनार), पॉटर (कुम्हार), स्कल्पटर (मूर्तिकार)/पत्थर तराशने वाला/पत्थर तोड़ने वाला, मोची (चर्मकार ), जूता बनाने वाला, फुटवियर कारीगर, मेसन (राजमिस्त्री), टोकरी, चटाई बनाने वाला, कॅयर बुनकर, झाडू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारम्परिक), बार्बर (नाई), गारलैंड मेकर (मालाकार), वाशरमैन (धोबी), टेलर (दर्जी) और फिशिंग नेट निर्माता को इस स्कीम में शामिल किया जाता है।

विश्वकर्मा स्कीम के फायदे क्या-क्या हैं?

प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र के जरिए विश्वकर्मा के रूप में मान्यता मिलती है। इसमें स्किल्स सिखाने से लेकर स्किल वेरिफिकेशन के बाद 5-7 दिन या 40 घंटे की ट्रेनिंग होती है। इच्छुक उम्मीदवार 15 दिनों (120 घंटे) के लिए एडवांस ट्रेनिंग के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। प्रशिक्षण स्टाइपेंड के तौर पर 500 रुपए प्रति दिन दिया जाता है। टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में 15,000 रुपए का अनुदान मिलता है।

इसके अलावा विश्वकर्मा स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जिसमें पहली किस्त के रूप में 1 लाख रुपये का लोन दिया जाता है। ये व्यवसाय शुरू करने के लिए दिया जाता है, जिसमें भरने के लिए 18 महीने का समय मिलता है। दूसरी किस्त में 2 लाख रुपये मिलते हैं, जिससे व्यवसाय को आगे बढ़ाया जा सकता है।

विश्वकर्मा स्कीम में लोन पर कितनी ब्याज लगती है?

इसको समझना होगा कि स्कीम के तहत दिया जाने वाला लोन गारंटी कवरेज के लिए पात्र होता है और लाभार्थी को लोन के लिए कोई गारंटी शुल्क नहीं देना होता है। उसके अलावा लाभार्थियों से प्रभारित की जाने वाली रियायती ब्याज दर 5 प्रतिशत निर्धारित की जाएगी। सरकार की ओर से ब्याज सब्वेंशन 8 प्रतिशत की सीमा तक होगा और इसे सीधे बैंकों को दिया जाएगा।

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पब्लिश्ड 2 June 2025 at 10:49 IST